Thursday, 3 September 2015

पाकिस्तान में हिन्दू थे .. सिख थे .. कुछ ईसाई थे और फिर सुन्नी मुस्लिम थे.. शिया मुस्लिम थे .. अहमदिया मुस्लिम थे...
सबसे पहले हिन्दू को मारा गया क्यूंकि ये तो मुस्लिम थे ही नहीं .... फिर वो ख़त्म होने को आये तो ईसाई को मारा गया ... फिर ये दोनों ख़त्म होने को आये तो सिख तो वैसे भी कम थे.. कब ख़त्म कर दिए गए पता ही नहीं चला ...
फिर बचे मुसल्लम... अब क्या करें ? साला किसको मारें ? हमारी तो आदत है खून करने की .. ऐसे तो बैठ नहीं सकते ... तभी पाकिस्तान में घोषणा करवाई गयी कि अहमदिया .. असली मुस्लिम नहीं है .. नकली मुस्लिम है .... बस रातों रात सारे सुन्नी और शिया मुस्लिम .......अहमदिया मुस्लिम को मारने दौड़ पड़े... सारे अहमदिया मारे जाने लगे और पाकिस्तान छोड़ कर इधर उधर जंगल में दूसरे देशों में भागने लगे ......... ध्यान रहे .. हिन्दू ईसाई आदि को मारने समय में ये अहमदिया मुस्लिम ने भी खूब साथ निभाया था .. और अब खुद काटे जा रहे थे .........
खैर धीरे धीरे अहमदिया का मामला अल्लाह ने निपटा दिया .. अब बचे शिया और सुन्नी ...... दोनों बैठे रहे .. बैठे रहे .. बैठे रहे........ दोनों सोच रहे थे .. साला हम तो इंसानों की हत्या ना करें तो कैसा मुस्लिम ? ? इतने दिन हो गए .. किसको मारें क्या करे.... करें .........
तभी सुन्नी बोला .. शिया सच्चा मुस्लमान नहीं होते ...
शिया ने भी बोला .. तुम सुन्नी भी सच्चा मुसलमान नहीं होते .......
बस साला फिर निकल गयी तलवारें .. शिया मारने लगे सुन्नी को और सुन्नी काटने लगे शिया को .......ध्यान रहे पहले शिया और सुन्नी दोनों ने मिल कर दूसरों की हत्या की थी ........और अब खुद ही एक दूसरे को मारने में लगे हैं ..
'इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस' ने अपनी 2014 की रपट में कहा है कि एक कड़वी सचाई यह है कि 2013 में 80 फीसदी आतंकवादी मौतें केवल पांच देशों इराक, सीरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया में हुई हैं। ये सभी इस्लामी देश हैं। याने सबसे ज्यादा मुस्लाल्मानो की मौत इस्लामिक देशो में होती है ...
एसा होगा दुनियां का अंतिम मुसलमान......

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