मोदी इफेक्ट:
आजाद भारत में मिलना चाहता है गुलाम कश्मीर
आजाद भारत में मिलना चाहता है गुलाम कश्मीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन की तारीफ अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी होने लगी है। यही वजह है कि वहां के 99 फीसद लोग भारत के साथ आना चाहते हैं। यह कहना है अंजुमन मिनहास ए रसूल के चैयरमेन मौलाना सैयद अथर दहलवी का। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कमान संभालने के बाद अब पीओके के लोग पाकिस्तान से आजाद होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह मोदी की नीति है, जिसके चलते वहां के लोग उनके मुरीद हो गए हैं।
अपने पांच दिन के कश्मीर दौरे से लौटे मौलाना दहलवी ने कहा कि कश्मीर में पीएम मोदी ने जिस तरह से बाढ़ पीडितों की मदद की वह तारीफ के काबिल है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कश्मीर डूब रहा था उस वक्त भारतीय फौज उनके लिए देवदूत बनकर सामने आई और लोगों काे हर संभव मदद दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का बेहतर प्रशासन और जम्मू कश्मीर के प्रति उनका नजरिया दोनों ही दूसरों से बेहतर हैं।
मौलाना ने कहा कि मोदी की सुशासन देने की अपील का पीओके में जबरदस्त स्वागत किया गया है। यही वजह है कि वह पाकिस्तान से नाता तोड़कर भारत में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह लगातार हिमालय के क्षेत्र को अपनी कलोनी के तौर पर बताता आया है। लेकिन अब पीओके के लोग इसको मानने के लिए तैयार नहीं है। प्रेस वार्ता के दौराना उन्होंने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उनका वहां कोई वजूद नहीं है और उनकी राजनीतिक जमीन खत्म हो चुकी है।
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2nd News
मंगलवार 1 Sep. को सेना के एक कार्यक्रम में टाइगर डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एस नारायण ने जम्मू में कहा कि कश्मीर के अधिकांश लोग भारत के साथ हैं, कुछ अंगुलियों पर गिने जाने वाले अलगाववादी ही विद्रोही हैं।
प्रस्तुति: फरहाना ताज
अपने पांच दिन के कश्मीर दौरे से लौटे मौलाना दहलवी ने कहा कि कश्मीर में पीएम मोदी ने जिस तरह से बाढ़ पीडितों की मदद की वह तारीफ के काबिल है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कश्मीर डूब रहा था उस वक्त भारतीय फौज उनके लिए देवदूत बनकर सामने आई और लोगों काे हर संभव मदद दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का बेहतर प्रशासन और जम्मू कश्मीर के प्रति उनका नजरिया दोनों ही दूसरों से बेहतर हैं।
मौलाना ने कहा कि मोदी की सुशासन देने की अपील का पीओके में जबरदस्त स्वागत किया गया है। यही वजह है कि वह पाकिस्तान से नाता तोड़कर भारत में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह लगातार हिमालय के क्षेत्र को अपनी कलोनी के तौर पर बताता आया है। लेकिन अब पीओके के लोग इसको मानने के लिए तैयार नहीं है। प्रेस वार्ता के दौराना उन्होंने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उनका वहां कोई वजूद नहीं है और उनकी राजनीतिक जमीन खत्म हो चुकी है।
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मंगलवार 1 Sep. को सेना के एक कार्यक्रम में टाइगर डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एस नारायण ने जम्मू में कहा कि कश्मीर के अधिकांश लोग भारत के साथ हैं, कुछ अंगुलियों पर गिने जाने वाले अलगाववादी ही विद्रोही हैं।
प्रस्तुति: फरहाना ताज
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