13 साल के इस मासूम का सुसाइड नोट
पैसे कमाने की धुन में आज के वर्किंग पैरेंट्स को इस बात का भी ध्यान नहीं रहता कि उनके बच्चों को पैसों की नहीं, उनके साथ की ज्यादा जरूरूत होती है. माता-पिता का साथ न मिलने के कारण उपजा अकेलापन इन मासूमों को कभी-कभी ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर देता है, जिससे किसी की भी रूह कांप जाए.
ऐसी ही एक खबर गजियाबाद से है, जहां पति-पत्नी के बीच चल रही पारिवारिक कलह की वजह से 13 साल के एक किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले स्वर्णिम उर्फ शानू ने यह कदम दिल्ली के वेलकम स्थित अपनी मौसी के घर उठाया.
सबसे चौंकाने वाली बात उसके वॉट्सएप स्टेटस में लिखे अपने सुसाइड नोट में थी. शानू ने अपने आखिरी स्टेटस में लिखा, ‘जहां इंसान से ज्यादा पैसों की कीमत है, उसे ऐसी दुनिया में नहीं जीना’.
आपको बता दें कि शानू के माता-पिता दोनों वर्किंग हैं और पिछले नौ सालों से अलग रह रहे हैं. मां दुबई में एक नामी मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करती है, जबकि पिता शाहदरा में फोटोग्राफर हैं.
पुलिस के मुताबिक, शानू की मां को पैसा कमाने की ऐसी धुन सवार थी कि वह अपने बच्चे और पति को छोड़कर दुबई चली गई. इसके बाद शानू अपने नाना धर्मपाल सिंह व नानी कल्पना के साथ कृष्णा कॉटेज, गली नंबर-9, वैशाली, गाजियाबाद में अपने बड़े भाई शिखर (18) के साथ रहता था.
शानू अपने माता-पिता के इस व्यवहार से समय से पहले ही बड़ा हो गया और उसने यह कदम उठा लिया.
इस बीच वेलकम थाना पुलिस ने बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शानू का शव परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है.
शानू सनवैली इंटरनेशलन स्कूल में नौवीं और उसका भाई दसवीं कक्षा में पढ़ते थे. शानू स्कूल में पैर फ्रेक्चर होने के बाद अपने भाई के साथ पिछले 15 अगस्त से अपनी मौसी सीमा के पास गली नंबर-4, कबीर नगर, वेलकम में आया हुआ था.
ऐसी ही एक खबर गजियाबाद से है, जहां पति-पत्नी के बीच चल रही पारिवारिक कलह की वजह से 13 साल के एक किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले स्वर्णिम उर्फ शानू ने यह कदम दिल्ली के वेलकम स्थित अपनी मौसी के घर उठाया.
सबसे चौंकाने वाली बात उसके वॉट्सएप स्टेटस में लिखे अपने सुसाइड नोट में थी. शानू ने अपने आखिरी स्टेटस में लिखा, ‘जहां इंसान से ज्यादा पैसों की कीमत है, उसे ऐसी दुनिया में नहीं जीना’.
आपको बता दें कि शानू के माता-पिता दोनों वर्किंग हैं और पिछले नौ सालों से अलग रह रहे हैं. मां दुबई में एक नामी मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करती है, जबकि पिता शाहदरा में फोटोग्राफर हैं.
पुलिस के मुताबिक, शानू की मां को पैसा कमाने की ऐसी धुन सवार थी कि वह अपने बच्चे और पति को छोड़कर दुबई चली गई. इसके बाद शानू अपने नाना धर्मपाल सिंह व नानी कल्पना के साथ कृष्णा कॉटेज, गली नंबर-9, वैशाली, गाजियाबाद में अपने बड़े भाई शिखर (18) के साथ रहता था.
शानू अपने माता-पिता के इस व्यवहार से समय से पहले ही बड़ा हो गया और उसने यह कदम उठा लिया.
इस बीच वेलकम थाना पुलिस ने बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शानू का शव परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है.
शानू सनवैली इंटरनेशलन स्कूल में नौवीं और उसका भाई दसवीं कक्षा में पढ़ते थे. शानू स्कूल में पैर फ्रेक्चर होने के बाद अपने भाई के साथ पिछले 15 अगस्त से अपनी मौसी सीमा के पास गली नंबर-4, कबीर नगर, वेलकम में आया हुआ था.
No comments:
Post a Comment