Sunday, 21 August 2016

वैदिक शिक्षा बोर्ड बनाने पर विचार कर रही हैं केंद्र सरकार

 केंद्र सरकार ने कहा है कि वह वैदिक मंत्रोच्चार और इसके अध्ययन की विधा को बढ़ावा देने और इस प्राचीन धरोहर को जीवंत बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार करेगी। वैदिक मंत्रोच्चारों को यूनेस्को धरोहर घोषित किया जा चुका है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘वह इस विषय को देखेंगे।’
 इससे पहले एक समारोह को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा था कि दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में संस्कृत पुस्तकों, स्मृतियों और ग्रंथों का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार संस्कृत समेत सभी भारतीय भाषाओं को पोषित करने की नीति को बढ़ा रही है और नई शिक्षा नीति पर परिचर्चा में संस्कृत को पोषित करने का किसी ने विरोध नहीं किया है।
 शिक्षाविदों ने बदलते माहौल में बच्चों को नैतिक मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रमाणपत्रों का मान्यता देने, अनुभवी गुरुओं को शिक्षा पद्धति से जोड़ने और देश के प्रत्येक जिले में वैदिक पाठशाला स्थापित करने का सुझाव दिया है।बोर्ड में वेद से जुड़े विद्वानों को भी स्थान दिया जाए।’ 
अखिल भारतीय वेद शिक्षा परिषद और सामाजिक संस्था सहस्त्रधारा ने इस विषय पर एचआरडी मंत्रालय को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है कि वैदिक शिक्षा को आधुनिक संदर्भ में बढ़ावा देने के लिए वैदिक शिक्षा बोर्ड बिना देरी किए स्थापित किया जाए और शिक्षकों के वेतनमान एवं छात्रों की डिग्री को अन्य संकायों के समकक्ष बनाया जाए।शिक्षाविदों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबद्ध महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्यालय को प्रस्तावित वैदिक शिक्षा बोर्ड के लिए शीर्ष संस्थान बनाए जाने पर भी जोर दिया है।

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