Wednesday 17 August 2016

mediya



सुप्रीम कोर्ट द्वारा दही-हांडी उत्सव में नाबालिगों के भाग लेने पर पाबन्दी लगायी गयी..
ठीक ही तो है.. दही-हांडी में भाग लेने से नाबालिगों के मासूम मन-मस्तिष्क पर क्रूरता, नृशंसता और वहशीपन जैसे दुष्प्रभाव जो पड़ते हैं.. वहीं बकरीद पर होने वाली क़ुरबानी उनके मन-मस्तिष्क में करुणा, जीव दया और अहिंसा जैसे भाव विकसित करती है..
भारत के सुप्रीम कोर्ट की शायद यही मान्यता है..
Sanjay Dwivedy
..................................................
ये अरब या पाकिस्तान का मदरसा नहीं है ये केरल का स्कूल है जहां लड़कियों को पर्दे के पीछे बैठना पड़ता है। क्या आप अपनी बेटी के लिए ऐसी पाठशाला चुनेंगे ? कुछ दिन के बाद आपकी बेटी के साथ भी यही होगा। आप चुन नहीं सकते। Sanjay Dwivedy
......................................................................................

No comments:

Post a Comment