सुप्रीम कोर्ट द्वारा दही-हांडी उत्सव में नाबालिगों के भाग लेने पर पाबन्दी लगायी गयी..
ठीक ही तो है.. दही-हांडी में भाग लेने से नाबालिगों के मासूम मन-मस्तिष्क पर क्रूरता, नृशंसता और वहशीपन जैसे दुष्प्रभाव जो पड़ते हैं.. वहीं बकरीद पर होने वाली क़ुरबानी उनके मन-मस्तिष्क में करुणा, जीव दया और अहिंसा जैसे भाव विकसित करती है..
भारत के सुप्रीम कोर्ट की शायद यही मान्यता है..
Sanjay Dwivedy
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