CRPF के DG बोले,गोलियों से मरते जवानों के बीवी-बच्चे किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट जाएं
CRPF के डीजी ने कहा है कि पैलेट गन से उपद्रवियों के घायल होने पर जो चीख रहे हैं, वे बताएं घायल-शहीद जवानों का क्या मानवाधिकार नहीं । वे किसे कटघरे में खड़ा करें...
कश्मीर में कर्फ्यू के दौरान पैलेट गन के इस्तेमाल से उपद्रवियों के घायल होने पर उनसे हमदर्दी रखने वालों पर सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल के दुर्गा प्रसाद ने पर करारा निशाना साधा है। कहा है कि लोग पैलेट गन से घायल उपद्रवियों के मानवाधिकारों की दुहाई दे रहे हैं मगर, वे जवान मानवाधिकार का रोना रोने कहां जाएं, जिनके कैंप पर गोला-बारूद फेंका जा रहा है। जो जवान शहीद हो रहे हैं, क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं। उनके बीवी-बच्चे किस कोर्ट में जाएं।
डीजी दुर्गा प्रसाद बोले
सीआरपीएफ मुखिया बोले कि उपद्रवी सेना के कैंपों को लगातार निशाना बना रहे हैं। सुरक्षाबलों के 29 ठिकाने जला दिए गए। पत्थरबाजी में जवानों के सिर फूट रहे हैं। सेना की गाड़ियों को ग्रेनेड से उड़ाने की कोशिश हो रही है। जब सामने वाला एके-47 से गोली चला रहा है तो हमें भी जवाब देना पड़ता है। हमारे जवानों के हाथ-पैर में भी फ्रैक्चर हो रहा है, आंखें फूंट रहीं हैं, बताइए हम किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट में जाएं।
पैलेट गन पर दी सफाई
डीजी दुर्गा प्रसाद ने पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि हम वही इस्तेमाल कर रहे हैं, जो हमें दिए गए हैं। मौसम, हालात और उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित करने में ही इसका इस्तेमाल हो रहा है। कश्मीर में अगर कोई शिक्षक या छात्र शांति मार्च निकालता तो उस पर हम कार्रवाई करते तो सवाल उठता। मगर जब पत्थर या गोली चलाए तो दो रास्ते चलते हैं। एके 47 चलाएं या फिर पैलेट गन। हां जब कोई घायल होता है तो दुख हमें भी होता है।
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