गोहली ने कहा, ‘मित्तल ने जब से 2012 में शौक के तौर पर निशानेबाजी में हाथ आजमाये, तभी से विभिन्न चैम्पियनशिप में भाग लेना शुरू कर दिया। हम राइफल का खर्चा नहीं उठा सकते थे तो वह अन्य निशानेबाजों और राइफल क्लब से उधार लेती थी। लेकिन मैंने महसूस किया कि उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैम्पियनशिप में पदक हासिल करने के लिये शीर्ष स्तर की राइफल की जरूरत है।’
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गोहली ने कहा, ‘हर पिता की तरह मैं भी मित्तल की शादी के लिये पैसा बचाता था। लेकिन मैंने महसूस किया कि उसे बेहतर प्रदर्शन करने के लिये राइफल की जरूरत है। इसलिये मैंने अपनी बचत राशि का इस्तेमाल 50 मीटर की रेंज की जर्मनी में बनी राइफल खरीदने में किया जो पांच लाख रूपये की है। पिता के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि मेरी बेटी को अपने जुनून को पूरा करने में किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े।’
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