Friday 12 August 2016

अब भारत में ही बनेगे छोटे आकार के अत्याधुनिक हथियार !!!
भारत में नियमों में बदलाव होने के बाद छोटे हथियार बनाने वाली ग्लोबल कंपनियां यहां प्लांट लगाने की सोच रही हैं। केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को इस सेगमेंट में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने के बाद एक्सपोर्ट करने की भी इजाजत दी है। केंद्र ने पिछले महीने संशोधित आर्म्स रूल्स 2016 को नोटिफाई किया था। इससे प्राइवेट कंपनियों के लिए प्लांट लगाने, फॉरन इन्वेस्टमेंट लाने और छोटे हथियार बेचने को लेकर तस्वीर साफ हो गई है।
अभी तक केवल सरकारी कंपनियां ही सुरक्षा बलों के लिए हथियार बनाती थीं। तीनों सेनाओं के अलावा अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के लिए बड़ी संख्या में हथियारों की जरूरत होने के चलते हथियारों का बड़ी संख्या में आयात भी किया जाता है।
कोल्ट और हेकलर जैसी कई बड़ी कंपनियां रूल्स में बदलाव के बाद भारत में प्लांट लगाने के लिए यहां की फर्म्स से बातचीत कर रही हैं। नए नियमों के तहत, भारतीय कंपनियों को जांच करने के बाद सात वर्ष का लाइसेंस दिया जाएगा और उन्हें स्पेशल इकनॉमिक जोन में यूनिट लगाने की आजादी होगी। कोई भी प्लांट बॉर्डर के नजदीक के इलाकों में नहीं लगाया जाएगा। भारत में बनने वाले हथियारों को मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के साथ विचार-विमर्श करने के बाद होम मिनिस्ट्री एक्सपोर्ट की अनुमति भी दे सकती है।

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