Sunday, 18 December 2016

9वीं और 11वीं में पढ़ने वाले बच्चों ने शौचालय से निकले वाली मीथेन गैस से पैदा की बिजली ...

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा नवमीं और ग्यारहवीं में पढ़ने वाले भाई बहन ने मिल कर एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिससे शौचालय से निकलने वाली मीथेन गैस से बिजली पैदा की जा सकती है.
 स्कूल प्रबंधन इस मॉडल को दिल्ली में आयोजित होने वाले विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल कराने की तैयारी में जुट गया है.स्कूल में विज्ञान का मॉडल दिखा कर अपने प्रिंसिपल को इस मॉडल का सिद्धान्त समझाते इन नन्हें वैज्ञानिको का नाम है नईम मंसूरी और अन्नूर फातिमा, नईम और अन्नूर भाई बहन है और जिला मुख्यालय जांजगीर के अलग-अलग निजी स्कुलों में कक्षा नवमीं और ग्यारहवीं की पढ़ाई कर रहे है.
पेशे से साइकिल मिस्त्री पिता गुलाम अम्बेया ने मच्छर भगाने के लिए शौचालय के पास जलाई गई एक मशाल ने दोनों छात्रों को विज्ञानं का वो सिद्धांत बता दिया जिसकी कल्पना आज तक नहीं की गई है.
दरअसल गुलाम अम्बेया ने मच्छर भगाने के लिए सैप्टिक टैंक के ओवर फ्लो पाइप के पास मशाल जलाया था. जलने के कुछ देर बाद ओवर फ्लो पाइप के पास तेज विस्फोट हुआ. टैंक में हुए विस्फोट की जानकारी गुलाम अम्बेया ने अपने बेटे नईम और बेटी अन्नूर को दी. तब दोनों होनहार छात्रों को समझते देर नहीं लगी की सैप्टिक टैंक से निकलने वाली मीथेन गैस की वजह से विस्फोट हुआ होगा.
सैप्टिक टैंक से निकलने वाली मीथेन गैस की तीव्रता का पता चलते ही नईम और अन्नूर ने इस प्रोजेक्ट पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया और एक महीने की मेहनत के बाद इस प्रोजेक्ट का मॉडल तैयार कर लिया. 

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