Friday 16 December 2016

kahani

एक पिता ने अपनी बेटी की अच्छे परिवार में सगाई करवाई,
लड़का बड़े अच्छे घर से था सुशील था तो पिता बहुत खुश हुए..
लड़के ओर लड़के के माता पिता का स्वभाव बड़ा अच्छा था तो पिता के सिर से बड़ा बोझ उतर गया.....
एक दिन शादी से पहले लड़के वालों ने लड़की के पिता को खाने पे बुलाया
पिता की तबीयत ठीक न थी फिर भी वो ना न कह सके.
लड़के वालो ने बड़े आदर सत्कार से उनका हार्दिक स्वागत किया....
फ़िर लड्की के पिता के लिए चाय आई
डायबीटिज कि वजह से लड्की के पिता को चीनी वाली चाय से दुर रहने को कहा गया था
लेकिन लड़की के होने वाले ससुराल में थे तो चुप रह कर चाय हाथ में ले ली...
चाय कि पहली चुस्की लेते ही चोंक गये
चीनी बिल्कुल भी नहीं थी और ईलायची भी डाली हुई थी
सोच मे पड़ गये हमारी जैसी चाय पी ते हैं ये लोग भी..
दोपहर में खाना खाया वो भी बिल्कुल उनके घर जैसा,
दोपहर में आराम करने के लिए दो तकिये पतली चद्धर
उठते ही सोन्फ़ का पानी पिने को दिया गया...
वंहा से विदा लेते समय उनसे रहा नहीं गया तो पुछ बैठे
मुझे क्या खाना है,
क्या पीना है,
मेरी सेहत के लिए क्या अच्छा है ??
ये perfectly आपको कैसे पता है??
तो बेटी कि सास ने कहा कि कल रात को ही आपकी बेटी का phone आ गया था ओर कहा कि मेरे पापा स्वभाव से बड़े सरल हैं,बोलेंगे कुछ नहीं plz आप उनका ध्यान रखियेगा
पिता की आंखों मे वहीं पानी आ गया था
लड़की के पिता जब अपने घर पहुँचॆ
तो घर के हाल में लगी आपनी स्वर्गवासी माँ के photo से हार निकाल दिया
तो पत्नी ने पूछा कि ये कया कर रहे हो
तो लड्की का पिता बोला
मेरा ध्यान रखने वाली मेरी माँ इस घर से गयी नहीं मेरी बेटी के रुप में इस घर में ही रहती है और फिर पिता की आंखों से आँसू छलक गये...
सब कहते हैं कि बेटी है एक दिन इस घर को छोड़कर चली जायेगी
बेटी कभी भी अपने माँ बाप के घर से नहीं जाती
वो हमेशा उनके दिल में मौजूद रहती है...!!

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