Thursday 29 December 2016

छत्रपति शिवाजी महाराज 

नौसेना (Navy) के जनक थे ...


छत्रपति संभाजी महाराज ने शस्त्र युक्त नौ जहाज का निर्माण किया यह कहना गलत नही होगा संभाजी महाराज नौ वैज्ञानिक तो थे ही साथ में शस्त्र विशेषज्ञ भी थे उन्हें ज्ञात था कौनसा नौके में कितने वजन का तोप ले जा सकता हैं ।
छत्रपति शिवाजी महाराज नौसेना के जनक थे केवल भारत ही नही अपितु पुरे विश्व को नौ सेना बनाने का विचार सूत्र दिया नौका को केवल वाहन रूप में इस्तेमाल किया जाता था शिवाजी महाराज प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने साधारण नौका को समंदर का रक्षक का रूप दे दिया शस्त्रयुक्त लड़ाकू जहाज बनाकर । शिवपुत्र संभाजी महाराज समंदर के अपराजय योद्धा थे समंदर की रास्ता उन्हें अपनी हथेलियों की लकीर जैसी मालूम थी , इसलिए पुर्तगालियों के पसीने छूटते थे संभाजी महाराज के नाम से केवल।
पुर्तगाली साथ युद्ध-:
‘छत्रपति संभाजी महाराजने गोवामें पुर्तगालियों से किया युद्ध राजनीतिक के साथ ही धार्मिक भी था । हिंदुओं का धर्मांतरण करना तथा धर्मांतरित न होनेवालों को जीवित जलाने की शृंखला चलानेवाले पुर्तगाली पादरियों के ऊपरी वस्त्र उतार कर तथा दोनों हाथ पीछे बांधकर संभाजी महाराज ने गांव में उनका जुलूस निकाला ।’ – प्रा. श.श्री. पुराणिक (ग्रंथ : ‘मराठ्यांचे स्वातंत्र्यसमर (अर्थात् मराठोंका स्वतंत्रतासंग्राम’ डपूर्वार्ध़) छत्रपति संभाजी महाराज अत्यंत क्रोधित हुए क्योंकि गोवा में पुर्तगाली हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन के साथ साथ मंदिरों को ध्वंश भी कर रहे थे। छत्रपति संभाजी महाराज द्वारा किये जा रहे हमले से अत्यंत भयभीत होगे थे जो पोर्तुगाली के लिखे चिट्ठी में दर्शाता हैं : “ संभाजी आजके सबसे पराक्रमी व्यक्ति हैं और हमें इस बात का अनुभव हैं” ।
यह रहा पोर्तुगाली इसाई कसाइयों द्वारा लिखा हुआ शब्द-: (The Portuguese were very frightened of being assaulted by Sambhaji Maharaj, and this reflects in their letter to the British in which they wrote, ‘Now-a-days Sambhaji is the most powerful person and we have experienced it’. )
संभाजी महाराज गोवा की आज़ादी एवं हिन्दुओ के उप्पर हो रहे अत्याचारों का बदला लेने के लिए 7000 मावले इक्कट्ठा किया और पुर्तगालीयों पर आक्रमण कर दिया पुर्तगाली सेना जनरल अल्बर्टो फ्रांसिस के पैरो की ज़मीन खिसक गई महाराज संभाजी ने 50,000 पुर्तगालीयों सेना को मौत के घाट उतार दिया बचे हुए पुर्तगाली अपने सामान उठाकर चर्च में जाकर प्रार्थना करने लगे और कोई चमत्कार होने का इंतेज़ार कर रहे थे संभाजी महाराज के डर से समस्त पुर्तगाली लूटेरे पंजिम बंदरगाह से 500 जहाजों पर संभाजी महाराज के तलवारों से बच कर कायर 25000 से अधिक पुर्तगाली लूटेरे वापस पुर्तगाल भागे ।
संभाजी महाराज ने पुरे गोवा का शुद्धिकरण करवाया एवं ईसाइयत धर्म में परिवर्तित हुए हिंदुओं को हिंदू धर्म में पुनः परिवर्तित किया ।पुर्तगाली सेना के एक सैनिक मोंटिरो अफोंसो वापस पुर्तगाल जाकर किताब लिखा (Drogas da India) लिखता हैं संभाजी महाराज को हराना किसी पहाड़ को तोड़ने से ज्यादा मुश्किल था महाराज संभाजी के आक्रमण करने की पद्धति के बारे में से ब्रिटिश साम्राज्य तक भयभीत होगया गया था अंग्रेजो और हम (पुर्तगाल) समझ गए थे भारत को गुलाम बनाने का सपना अधुरा रह जायेगा।
संभाजी महाराज की युद्धनिति थी अगर दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो या उनके घर में घुसकर युद्ध करना हो तो घात लगा कर वार करना चाहिए जिसे आज भी विश्व के हर सेना इस्तेमाल करती हैं जिसे कहते हैं Ambush War Technic। पुर्तगाल के सैनिक कप्तान अफोंसो कहता हैं संभाजी महाराज के इस युद्ध निति की कहर पुर्तगाल तक फैल गई थी संभाजी महाराज की आक्रमण करने का वक़्त होता था रात के ८ से ९ बजे के बीच और जब यह जान बचाकर पुर्तगाल भागे तब वहा भी कोई भी पुर्तगाली लूटेरा इस ८ से ९ बजे के बीच घर से नहीं निकलता था in लूटेरो को महाराज संभाजी ने तलवार की वह स्वाद चखाई थी जिससे यह अपने देश में भी डर से बहार नहीं निकलते थे घर के ।हिंदू धर्म में पुनः परिवर्तित किया गया :
हम सभी जानते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के निकट साथी, सेनापति नेताजी पालकर जब औरंगजेब के हाथ लगे और उसने उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर उसका नाम मोहम्मद कुलि खान रख दिया । शिवाजी महाराज ने मुसलमान बने नेताजी पालकर को ब्राम्हणों की सहायता से पुनः हिन्दू बनाया और उनको हिन्दू धर्म में शामिल कर उनको प्रतिष्ठित किया।
हालांकि, यह ध्यान देने की बात हैं संभाजी महाराज ने हिंदुओं के लिए अपने प्रांत में एक अलग विभाग स्थापित किया था जिसका नाम रखा गया ‘पुनः परिवर्तन समारोह’ दुसरे धर्म में परिवर्तित होगये हिन्दुओ के लिए इस समारोह का आयोजन किया गया था ।
हर्षुल नामक गाँव में कुलकर्णी ब्राह्मण रहता था संभाजी महाराज पर लिखे इतिहास में इस वाकया का उल्लेख हैं कुलकर्णी नामक ब्राह्मण को ज़बरन इस्लाम में परिवर्तित किया था मुगल सरदारों ने कुलकर्णी मुगल सरदारों की कैद से रिहा होते ही संभाजी महाराज के पास आकर उन्होंने अपनी पुन: हिन्दू धर्म अपनाने की इच्छा जताई संभाजी महाराज ने तुरंत ‘पुनः धर्म परिवर्तन समारोह का योजन करवाया और हिन्दू धर्म पुनःपरिवर्तित किया ।

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