Tuesday 24 June 2014

एक दिन एक थिएटर में मुझे एक परिचित की लड़की मिली, उसके साथ एक लड़का भी था, मैंने उनको देखा तो नमस्ते की, मैं नजदीक चला गया, कुछ देर बात हुईं तो पता चला की लड़का उसका बॉय फ्रेंड है, और दोनों शादी करना चाहते हैं, बातों बातों में मैंने लड़के का एड्रेस पता किया, लड़का बड़ी सी गाड़ी में आया था, लगता था किसी बड़े कारोबारी का बेटा है, मैंने लड़के की फोटो ले ली, उसने अपना नाम बिट्टू बताया, मुझे कुछ शक हुआ, तो बाद में लड़के का घर ढूंढा, लड़के के नाम से नहीं पर फोटो से उस एड्रेस के पास ही उसका घर मिल गया, घर के बाहर टाट के कई पैबंद लगा पर्दा था, लड़का मुस्लिम था, घर के बाहर ही उसकी माँ मुगफली बेच रही थी, घर में पाच शादीशुदा भाई और भी रहते हैं, जो घर में कम जगह होने के कारण शिफ्टों में सोने आते हैं, लड़के के काम करने की जगह पता करने पर वहाँ जाकर मैंने देखा की लड़का कार के एक छोटे गेराज में मिस्त्री का काम करता है, और गाडी की ट्राई के बहाने उनमे घूमता भी है,....मैंने लड़की को जाकर सारी बात बताई, उसके पैरों तले की ज़मीन खिसक गई, एक बैंक मेनेजर की बेटी का क्या हाल होने वाला था अगर उसको मैं नहीं मिलता, ऐसा चांस सभी को नहीं मिलता, अतः जरुरत जागरूकता फ़ैलाने की है ....
नीरज कौशिक
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