Monday 20 April 2015

ये सब इस्लाम में हराम नही है....!!
दुबई :--दुनिया की सबसे बड़ी शराब की मंडी , हाई प्रोफाइल वेश्याओ की मंडी जंहा जिस्म बोली लगाकर खरीदा जाता है..
अफगानिस्तान :--सबसे बड़ी नशीले पदार्थो और आतंक की मंडी..
पाकिस्तान :--अफीम और इस्लामिक आतंक की दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मंडी जिसकी वजह से हजारो निर्दोष लोग हर साल आतंक की भेट चड जाते है..
ईराक :--जहां हर साल हजारों शिया मार दिए जाते है..
अरब :--छोटे छोटे निर्दोष बच्चों को ऊँट की पीठ पर बांध कर दौड़ का मजा लेने वाली दुनिया की एक मात्र मंडी जिसमे हर साल हजारो निर्दोष बच्चे मारे जाते है..
जी..हाँ..ये सब ईस्लाम में हराम नही है..बस वंदे मातरम् कहेना ही हराम है..!!

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मोदी को वही लोग गाली दे रहेे है.....
जिनका दो नंबर का धंधा चोपट हो रहा है.. 
जिनको अब कमीशन नहीं मिल पा रहा है.. 
जिनको जनधन की वजह से बीच मे पैसा हड़पने को नहीं मिल रहा 
जिनको गाय का मॉस खाने को नहीं मिल रही.. 
जिनको रोज़ ऑफिस टाइम से पहुचना पड़ रहा है..
जिनको दिन मे 2 बार शहर की सफाई करनी पड़ रही है..
जिनको अब गंगा मे कचरा नहीं फेकने को नहीं मिल पा रहा..
जिनको इस बार कोयला आवंटन मे लूटने को फूटी कौड़ी नहीं मिले..
जिनका 3g का कमीशन मार गया..
जिनको पैसे के बल पर भी टेंडर नहीं मिल पा रहा..
और खासकर वो जिनको आगे 10-15 साल सत्ता मे आने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही !!

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जब नेहरु ने कश्मीर के प्रमुख नेता शेख अब्दुल्ला को कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों की जगह एक विशेष राज्य या एक अलग देश की तरह से मान्यता प्रदान करते हुए विवादित धारा 370 को भारत के संविधान में डलवाने के लिए डॉक्टर अम्बेडकर के पास भेजा तो आंबेडकर ने उस समय जो कहा था वो आज भी पढने योग्य और आँखें खोल देने वाला है |
डॉ. अम्बेडकर ने शेख अब्दुल्ला के मूंह पर कहा था :-
''तो आप चाहते हैं की कश्मीर को सारी सहायता हिन्दुस्तान दे, हर साल करोड़ों रुपया भारत भेजे, सारे विकास कार्य अपने खर्चे पर भारत उठाये, कोई भी हमला होने पर इसकी रक्षा भारत करे और सारे भारत में कश्मीरियों को बराबरी के अधिकार मिलें लेकिन उसी भारत और भारतीयों को कश्मीर में बराबरी का कोई अधिकार ना हो ? मैं भारत का कानून मंत्री हूँ और इस भारत-विरोधी धारा 370 को मंजूरी देकर कम से कम मैं तो अपने देश से गद्दारी नहीं कर सकता हूँ | नेहरू से जाकर कहियेगा की एक देशद्रोही ही इस धारा को भारत के संविधान में डालने की मंजूरी दे सकता है और मैं वो देशद्रोही नहीं हूँ''
और ये कहकर उन्होनें शेख अब्दुल्ला को अपने कार्यालय से निकाल दिया, आग-बबूला शेख अब्दुल्ला नेहरू के पास पहुंचा और उसे सारी बात बताई |
तब नेहरू ने अलोकतांत्रिक तरीके से गोपाल स्वामी अयंगर से इस भारत-विरोधी धारा 370 को भारत के संविधान में डलवाया जिसका खामियाजा हमारा भारत देश आज तक भुगत रहा है पाकिस्तान परस्त और गद्दार कश्मीरियों की चोरी और सीनाजोरी के रूप में |
साभार -व्हाट्स ऐप

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