Tuesday 7 April 2015

sanskar..............

क्यूँ ना घमँड करु ......
अपने वीर पूर्वजों पर..
1.बप्पा रावल,- अरबो को हराया ओर हिन्दुऔ को बचाए रखा..
2 . भीम देव दवितय -, मोहम्मद गौरी को
1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे रखा..
3.पृथ्वीराज चौहान - गौरी को 17 बार हराया
और हिन्दुओ की साख बचाई..
4.हमीरदेव - खिलजी को 1296 में काटा
और हिन्दुओं की ताकत का लोहा मनवाया ..
5.मानसिहं तोमर- 1516 तक ईबराहिमलोधी को कई बार
हराया..
6. शिवाजी- ओरंगजेब को हराया ओर मुल्लों को
बुरी तरह काटा..
7. राणा सागां- बाबर को भिख दी और धोका मिला ओर युद्ध
मे 80 घाव के बाद भी लर्डा लोधी को
हराया..
8. राणा कुम्भा- अपनी जिदगीँ मे 17 युद्ध
लडे,एक भी नही हारे..
9. रानी दुर्गावती-एक औरत नें अकबर को
3 बार हराया..
10.कान्हड देव -1300 मे अलाउद्दीन
खिलजी को हराया और सोमनाथ का शिवलिगं को वापिस
लिया..
11. विरम देव- जिसकी वीरता पे
खिलजी की बेटी फिरोजा फिदा
हो गई थी..
12 . चन्दरगुप्त मौर्य- क्षत्रिय कुल का सबसे पहला राजा जिसने
सिकंदर को हराया..
13 . महाराणा प्रताप- इनके बारे में तो मुल्लो से पुछ लेना -जय
महाराणा..
सभी हिन्दू भाई-बहन अपने पूर्वजों का इतिहास और
सच्चाई अपने अपने बच्चों व परिवार वालो को बताएं,,

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1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी वीर मंगल पाण्डेय के बलिदान दिवस पर शत् शत् नमन |
यह सत्य है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई गो माता की हत्या के कारण ही शुरू हुई थी।
1857 के विद्रोह की शुरुआत मंगल पाण्डेय से हुई जब गाय की चर्बी लगे कारतूस लेने से मना करने पर उन्होंने विरोध जताया। इसके परिणाम स्वरूप उनके हथियार छीन लिये जाने व वर्दी उतार लेने का फौजी हुक्म हुआ। मंगल पाण्डेय ने उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और 29 मार्च सन् 1857 को उनकी राइफल छीनने के लिये आगे बढे अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन पर आक्रमण कर दिया। उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाकर 6 अप्रैल 1857 को मौत की सजा सुना दी गयी। लेकिन कूट रणनीति के तहत क्रूर ब्रिटिश सरकार ने मंगल पाण्डेय को निर्धारित तिथि से दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल सन् 1857 को फाँसी पर लटका दिया |
मंगल पांडे द्वारा लगायी गयी विद्रोह की यह चिन्गारी बुझी नहीं। एक महीने बाद ही १० मई सन् १८५७ को मेरठ की छावनी में बगावत हो गयी। यह विप्लव देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गया जिससे अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है जितना वे समझ रहे थे। इसके बाद ही हिन्दुस्तान में 34,735 अंग्रेजी कानून यहाँ की जनता पर लागू किये गये ताकि मंगल पाण्डेय सरीखा कोई सैनिक दोबारा भारतीय शासकों के विरुद्ध बगावत न कर सके।







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