Wednesday 13 January 2016

स्वदेशी पारंपरिक संपूर्ण वैज्ञानिक गुह्यवस्त्र "... लंगोट "

स्वदेशी पारंपरिक प्राचिन व संपूर्ण वैज्ञानिक गुह्यवस्त्र " लंगोट व लंगोटी " //
 यह पोस्ट विशेषतः सभी मातापिताओं के लिए लिख रहा हूं ... क्योंकि आज के लडके पोस्ट पढना ही जानते हैं परंतु अमल ना के बराबर ही करते हैं / .
मैं जितने भी पुस्तक वैद्य व जानकारों को पढा सुना ... वे सब का कहना है कि , चेहरे पर दानें निकलने के सबसे महत्वपूर्ण कारण - मन व गुप्तेंद्रिय के उत्तेजना ही होता है / ( वैसे खानपान भी कुछ प्रतिशत जिम्मेदार है ) /
एक सिधा देशी उदाहरण :--
गाय के बछडे .... जब छोटा सा रहता है तब पैर पर रस्सी या फिर गले में हल्की रस्सी ( गांठ ) बांधा जाता है / जैसे जैसे सिंग उगने लगता है और बडा होता जाता है ... वैसे वैसे रस्सी मजबुती से बांधा जाता है /
ठीक वैसे ही ... बच्चे ( ५ वर्ष ) से हल्की टाईट लंगोट बन्धबाना चालु करबा दें ... आदत भी पड जाएगी और लाज शरम भी नहीं लगेगी जब बडे होगें / उम्र के साथ लंगोट के रस्सी टाईट करते या करबाते जाएं ...
ये कमर में रस्सी बान्धना बहुत ही वैज्ञानिक भी व स्वाभाविक फुर्तिदायक है ... कैसे ?
आप गांब में देखे होंगे कोई कठीन काम या लडाई झगडे में .... सबसे पहले कमर में तौलिया ( टावल , अन्गोछा ) कस कर बांधते हैं ... ये हरकत पुरुष व महिला दोनों करते हैं .... महिलाएं साढी व दुपट्टा ओढनी को कमर में बांधते हैं . ये केवल और केवल स्फुर्ति को दोगुना चौगुना करने के लिए ही किया जाता है /
पुरे यंगेज लैवल वाले कमर पतला करने में परेशान हैं ... विदेशी कंपनियां भी तरह तरह के प्रॉडक्ट ( बेल्ट ) बेच रहे हैं // जब कि लंगोट के रस्सी भी यही काम करता है ....
अब तो योगासन प्राणायाम के अभ्यास भी जोरों पर है ... तो उपस्थेन्दिय के लिए लंगोट तो और भी अत्यावश्यक हो गाया है सबके लिए / आपको पता है भारतीय सेना में भी लंगोट प्रयोग की बहुलता है ... फिर देश के किशान व युवा कैसे पिछे हैं ??? भाई चालु कर दीजिए ... बहुत फायदे हैं //
देश की काम वासना जनित सभी दुर्गुणों को अकेला लंगोट ही ५०% सुधार देगा ... सच में / और योग के पहला व दुसरा स्टेप ( यम नियम ) कुल मिलाकर ब्रह्मचर्य और सदाचार व्यवहार आदि ही है ... जिसका सहायक लंगोट है /
खैर .... आप यह लेख को जरुर अप्लाई करेंगे यही आशा है /
निवेदन व नोट :-
विदेशी चड्डीधारी मुर्दावाद
जय बजरंग बली
लंगोटधारी जिन्दावाद //
((( बेल्ट का आविष्कार भी भारत में हुआ है .... कटिवस्त्र ( धोती ) के उपर एक रस्सी टाईप स्वदेशी बेल्ट बांधने की पुरानी परंपरा व संस्कार है ... जो विशेषतः साधक दिक्षा में है ... / इस पर फिर कभी एक लेख लिखुंगा ठीक है ... )))
एक आवाज पूरब से ।'s photo.

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