Thursday 16 February 2017

मुस्लिम माँ ने अपने बच्चे को समझाया सेकुलिज्म का मतलब,


आजादी के बाद जब देश का बंटवारा धर्म के नाम पर हुआ था,भारत का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा मुस्लिमो को दिया गया ,जिसका नाम पाकिस्तान रखा गया और पाकिस्तान मुस्लिम देश बना, पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू को उनकी सम्पति छीन का मारकाट कर उनकी बहन बेटी और औरतों को बलात्कार कर भारत भेज दिया गया,लेकिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जबाहरलाल नेहरू ने भारत को सेक्युलर यही धर्म निरपेक्ष देश बनाया,भारत से मुस्लिम को नहीं निकाला गया और उन्हें सुरक्षा दी गई ,उन्हें अल्पसंख्यक बता कर हर सुबिधा दी गई। 
भारत को सेक्युलर बनाने की नेहरू की इच्छा आज भारत का इतना बुरा हाल करेगी ये किसी ने सोचा नहीं होगा,हमारे देश में सेक्युरलरता एक अजीब प्रकार का दोगलापन है, सेक्युरल के नाम पर देश के बहुल आबादी को अल्पसंख्यक दबा कर बैठे है क्योंकि उनको सेक्युलर नेताओ का साथ मिला हुआ है,जब देश के बहुसंख्यकों पर कोई आंच आये तो सेक्युलर शांत रहते है, और जब अल्पसंख्यकों को जरा सी खरोच भी आये तो ये बोल पड़ते है, चिल्लाने लगते है।

सेकुलरिज्म के बारे और अधिक समझने के लिए हम एक कहानी के माध्यम से बता रहे है सेकुलरिज्म क्या है ?एक मुस्लिम बच्चे ने अपनी माँ से पूछा "अम्मी, ये सेकुलरिज्म (धर्म निरपेक्षता) क्या होता है?"बुर्के में लिपटी महिला ने अपने बेटे को बताया, "बेटे, सेकुलरिज्म इस देश का वह सिस्टम है ,जिसमे हिन्दू करदाता जी तोड़ मेहनत कर सरकार को इतना टैक्स चुकाता है, जिससे कि हम जैसे अल्पसंख्यकों को फ्री आवास, मदरसों में फ्री शिक्षा, फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट, हज सब्सिडी आदि सुविधाएँ मिलती रहें,
 मंदिरों की हुंडियों का धन हमारे लिए प्रयोग किया जा सके किन्तु मस्जिदों में क्या हो रहा है, उस तरफ कोई आँख उठाकर देखने की भी हिम्मत ना कर सके । हमें कानून का संरक्षण तो मिले किन्तु कोई कानून हम पर लागू नहीं हो, इस प्रकार के जन्नतनुमा माहौल को ही सेकुलरिज्म कहते हैं ।"


बच्चा- “लेकिन अम्मी, इससे हिन्दू करदाता नाराज नहीं होते ?" 

माँ- "होते हैं बेटा, किन्तु उनके गुस्से को कुंद करने के लिए हम उनको साम्प्रदायिक बताना शुरू कर देते हैं ,ताकि उनको शर्मिंदगी महसूस हो । इस तरह कुछेक अड़ियल हिंदुओं को छोड़कर, बाक़ी सभी हिन्दू इस सेकुलरता नाम के जहर को प्रसाद समझ कर ना केवल ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लेते हैं ,बल्कि उन्हें अपने आप को सेक्युलर कहलवाने में गर्व भी महसूस होता ह,ै तथा वह अपने आप को सेक्युलर सिद्ध करने के प्रयास में लगे रहते हैं ।"
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रक्षा किसकी करनी है ? देश की और धर्म की या लोकतन्त्र की ?
उत्तर स्पष्ट है कि देश एवं धर्म सुरक्षित रहेगा, तभी तो लोकतन्त्र रहेगा ।
तो जम्मू-कश्मीर का तीन राज्यों में पुनर्गठन किया जाय । जम्मू, लद्दाख और कश्मीर ।
पहले दो राज्यों में लोकतन्त्र की रक्षा की जाय याने विधानसभायें हो ।
कश्मीर में सभी लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं को स्थगित करते हुए, उसे सेना के हवाले कर 'देश और धर्म' की रक्षा की जाय !
हिम्मत का काम है ।
ऐसा होते ही तूफान आ जाएगा पर उसका धैर्यपूर्वक एवं कठोरता से सामना करने पर एक वर्ष में "सबकुछ" ठीक हो जाएगा ।


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