मीना कुमारी की नानी गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के छोटे भाई की बेटी थी,
जो जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही प्यारेलाल नामक युवक के साथ भाग गई थीं। विधवा हो जाने पर उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। दो बेटे और एक बेटी को लेकर बम्बई आ गईं। नाचने-गाने की कला में माहिर थीं इसलिए बेटी प्रभावती के साथ पारसी थिएटर में भरती हो गईं।
प्रभावती की मुलाकात थिएटर के हारमोनियम वादक मास्टर अली बख्श से हुई। उन्होंने प्रभावती से निकाह कर उसे इकबाल बानो बना दिया। अली बख्श से इकबाल को तीन संतान हुईं। खुर्शीद, महजबीं बानों (मीना कुमारी) और तीसरी महलका (माधुरी)।
अली बख्श रंगीन मिजाज के व्यक्ति थे। घर की नौकरानी से नजरें चार हुईं और खुले आम रोमांस चलने लगा। और मीना कुमारी का बाप अपनी नौकरानी से भी निकाह कर लिया |
मीना कुमारी को कई लोगो से प्यार हुआ .. लेकिन सबने उन्हें इस्तेमाल करके उन्हें छोड़ दिया ... धर्मेंद्र, सम्पूरन सिंह उर्फ़ गुलजार, महेश भट्ट, और शौहर कमाल अमरोही ... सबने मीना कुमारी का खूब इस्तेमाल किया .. यहाँ तक की मीना कुमारी का बाप भी अपनी बेटी को सिर्फ पैसे कमाने की मशीन ही समझता था और पुरे परिवार का खर्चा मीना कुमारी से ही लेता था .. यहाँ तक की उनकी सभी बहने भी मीना कुमारी से हमेशा पैसे लेती रहती थी |
कमाल अमरोही मीना कुमारी से २७ साल बड़े थे | मीना कुमारी का पूना में एक्सीडेंट हुआ और वो अस्पताल में भर्ती थी ..कमाल अमरोही ने उनकी खूब सेवा की जिससे मीना कुमारी का दिल उस पर आ गया .. और दोनों ने निकाह कर लिया ... मजे की बात ये की कमाल अमरोही की पहले से ही दो बेगमे थी ..एक उनके साथ मुंबई में और दूसरी उनके शहर यूपी के अमरोहा में रहती थी .और कमाल के आठ बच्चे थे | मीना कुमारी मुंबई की जिन्दगी से तंग आ गयी थी और कमाल अमरोही से बार बार कहती थी की कमाल तुम मुझे अपने गाँव अमरोहा ले चलो .मै वही रहना चाहती हूँ .. एक बार कमाल उन्हें साथ लेकर गये तो कमाल के घर वालो ने मीना कुमारी से बहुत दुर्व्यवहार किया और कहा कमाल तुमने तो किसी वेश्या से निकाह किया है |
बाद में उनका कमाल अमरोही से तलाक हो गया ... फिर उन्होने कमाल से दुबारा निकाह किया .... इस्लामिक नियमो के अनुसार यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी को तलाक देता है तो वो दुबारा उस महिला से निकाह नही कर सकता ..पहले उस महिला को किसी अन्य पुरुष से निकाह करना होगा फिर वो पुरुष उसे तलाक देगा फिर वो महिला अपने पूर्व पति से दुबारा निकाह कर सकती है ..
मीना कुमारी ने जीनत अमान के पिता के साथ निकाह किया फिर उनसे तलाक लेकर कमाल अमरोही से दुबारा निकाह किया ...लेकिन कमाल निकाह के बाद अपनी जिन्दगी में चला गया |
मीना कुमारी ने जीनत अमान के पिता के साथ निकाह किया फिर उनसे तलाक लेकर कमाल अमरोही से दुबारा निकाह किया ...लेकिन कमाल निकाह के बाद अपनी जिन्दगी में चला गया |
लेकिन बाद में उन्होंने अपने आपको शराब में डुबो लिया था .. वो हर वक्त शराब पीती रहती थी .. शराब ने उनके लीवर को खत्म कर दिया था और वो मानसिक रूप से एकदम टूट गयी थी ..उन्हें कैंसर हो गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा |
अस्पताल में ही उनकी मौत हो गयी .. और किसी ने भी उनके ईलाज पर १ रूपये भी नही खर्च किया ..
इसी सभ्य समाज में मशहूर फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी की लाश को लावारिश घोषित करने की नौबत आ गयी थी ...उन्हें कैंसर हो गया था कई अंतिम समय में कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था ..और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गयी थी
अस्पताल में ही उनकी मौत हो गयी .. और किसी ने भी उनके ईलाज पर १ रूपये भी नही खर्च किया ..
इसी सभ्य समाज में मशहूर फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी की लाश को लावारिश घोषित करने की नौबत आ गयी थी ...उन्हें कैंसर हो गया था कई अंतिम समय में कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था ..और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गयी थी
मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने अस्पताल में कहा की मैंने तो उन्हें तलाक दे दिया था ... उसने सौतेले पुत्र ताजदार अमरोही ने कहा की मेरा उनसे कोई वास्ता नही है ... उनके छोटी बहन के पति मशहूर कामेडियन महमूद ने कहा की मै क्यों ८०००० दूँ ?
और तो और जिस धर्मेन्द्र को फगवाडा से मुंबई बुलाकर स्टार बनाया वो भी बिल का नाम सुनते ही खिसक गया |
फिर जिस सम्पूरन सिंह कालरा को मीना कुमारी ने झेलम की गलियों से मुंबई बुलाकर "गुलज़ार" बनाया उस गुलज़ार ने कहा की मै तो कवि हूँ और कवि के पास इतना पैसा कहा ...जबकि उसी गुलज़ार ने एक मुशायरे में जिसमे मीना कुमारी भी थी कहा था "ये तेरा अक्स है तो पड़ रहा है मेरे चेहरे पर ..वरना अंधेरो में कौन पहचानता मुझे "
हर टीवी चैनेल पर आकर मुस्लिम हितों पर बड़ी बड़ी बाते करने वाला महेश भट्ट बोला मै पैसे क्यों दूँ ?
. जिससे अस्पताल वालो को कहना पड़ा की अब हमे मीना कुमारी जी की लाश को लावारिश घोषित करके बीएमसी वालो को देना पडेगा ... जब ये खबर अखबारों में छपी तबएक अनजान पारसी व्यक्ति अस्पताल आया और बिल चुकाकर मीना कुमारी के शव को सम्मान के साथ इस्लामिक विधि से कब्रिस्तान में दफन करवाया
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