Monday, 31 July 2017

राजनीति का बदलता चेहरा

सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल जो राज्य की सरकार बनाते गिराते थे, मंत्री के विभाग तय करते थे वह राज्य सभा सांसद बनने के लिए विधायक नहीं जुटा पा रहे हैं।

दलित शोषित वर्ग की रहनुमाई करने वाली मायावती ने इसी संभावना के कारण इस्तीफा दे दिया क्योंकि उनके पास भी राज्य सभा सांसद बनने के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है।

जो लालू यादव सामाजिक न्याय के पुरोधा बने फिर रहे थे और जमीनी राजनीति के माहिर खिलाड़ी थे उनके सामने से सरकार चली गई और वे हाथ मलते रह गये।

जिस आर एस एस को 1947 से समाप्त करने की कोशिश की जा रही थी आज उसी आर एस एस का स्वयंसेवक पी एम है , राष्ट्रपति है ,उप राष्ट्रपति होने वाला है ,उसी आर एस एस के 17 सी एम हैं और 20 राज्यपाल हैं।देश के 62% भाग पर भगवा फहर रहा है।

3 साल के मोदी राज में किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता हवाला टेरर फंडिंग में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पत्थरबाजों की रफ्तार धीमी हो गई है। चीन डोकलम से आगे बढ़ने के बजाय पीछे जा रहा है।

देश बदल रहा है । बाजार उछाल पर है। नीतीश कुमार ने मोदी से हाथ मिला लिया है। केजरीवाल चुप हैं।

और अभी भी कुछ लोग 15 लाख , टमाटर ,अच्छे दिन , व्यापम ,नोटबंदी , जीएसटी पर चुटकुले कोट्स जोक्स बना रहे हैं।-vitthal vyas



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