Thursday, 13 July 2017

"मैन स्ट्रीम मीडिया" के सम्मोहन ...
यदि आप सोचते हैं कि पश्चिम बंगाल, एक 15 साल के टीनएजर की पोस्ट के कारण जल रहा है, तो आप पूरी तरह "मैन स्ट्रीम मीडिया" के सम्मोहन में जकड़े जा चुके हैं। एक "बहुत बड़े मामले" को एक अदना सी फेसबुक पोस्ट, से दबाने का "सफल" प्रयास हो रहा है।
मामला है, मुस्लिम वक्फ़ बोर्ड के नियमों में 'संशोधन' और खरबों की सम्पत्ति से पकड़ छूटने का डर विट्ठलव्यास 😈
"बशिरहाट" और "24 परगना" यदि अंजाम है, तो आगाज़ 2010 था। 2010 यूपीए सरकार ने वक्फ़ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया यानि आम चुनाव जीतने के ठीक एक साल बाद। कांग्रेस सरकार चाहती थीं कि नियमों में बदलाव से वक्फ़ की कमाई बढ़ाई जाए और मस्जिदों में कार्यरत ईमाम और मोअज्जिन को एक निश्चित भत्ता दिया जाए। 2011 में राष्ट्रपति ने संशोधन को हरी झंडी भी दिखा दी थी। सरकार, हर राज्य के बोर्ड को '500 करोड़ फंड' देना चाहती थी ताकि भत्ते का खर्च निकल सके।
मोमता दीदी, को ईमाम और मोअज्जिनों को भत्ता दिलवाने की इतनी जल्दी पड़ी थी कि राष्ट्रपति की मंजूरी के पहले ही उन्होंने ये राशि राज्य सरकार के ख़ज़ाने से खर्च करना शुरू कर दिया। ममता बनर्जी, ने मस्जिदों के ईमाम और मोअज्जिन को 2500 रुपए व 3500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने की घोषणा की थी। लेकिन, उच्च न्यायलय ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया, नतीजतन इमामों के 22 संगठन, सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए उतर आये। कोर्ट के फैसले, से नाखुश "ममता बनर्जी" ने एक दूसरा रास्ता निकाला। अब ईमामों और मुअज्जिनों का भत्ता, वक्फ बोर्ड के माध्यम से दिया जा रहा है।
ममता दीदी, की चिढ़ को समझिये। मोदी सरकार, ने "कड़ा निर्णय" लेते हुए, इस 'संशोधन' में कई सुधार किये, जो दीदी को रास नहीं आए। "वक्फ़ बोर्ड" की संपत्ति, को "तुष्टिकरण" के लिए इस्तेमाल करने के उनके इरादे पर मोदी ने पानी फेर दिया। 
क्या आप जानते हैं कि "भारतीय रेलवे" और "रक्षा मंत्रालय" के बाद सबसे ज्यादा जमीन, वक्फ़ बोर्डों के पास है। विभिन्न राज्यों में करीब 4 लाख एकड़ जमीन वक्फ बोर्डों के पास है। इन संपत्तियों में ऐसा "घोटाला" हुआ है जिसके सामने 2जी, 3जी तो कुछ भी नहीं है। आज़म खान, के "तार" भी इन घोटालों से जुड़ रहे हैं।
जब भाजपा, बंगाल सरकार के खिलाफ "हाई कोर्ट" गई, तो तर्क दिया गया कि *हम राज्य के गरीब धर्म उपासकों की मदद करना चाहते हैं।"
इस पर कोर्ट ने कहा था कि फिर तो आपको राज्य के गरीब पंडितों और बिशपो की भी मदद करनी चाहिए। इसके बाद ही दीदी का मूड मोदी पर बिगड़ गया। 😈👹
क्या अब भी आपको लगता है कि बशीरहाट साम्प्रदायिक हिंसा में जल रहा है?
👉 बंगाल में दीदी ने भत्ते के लिए लगभग 110 करोड़ प्रतिवर्ष का बोझ राज्य पर डाला। जब हाईकोर्ट ने रोक लगाईं, तो वक्फ़ बोर्ड के कोष से ये पैसा नाज़ायज़ ढंग से देती रही।
समझो बंगाल क्यों फूंका जा रहा है?
खरबों की सम्पत्ति पर "चौकीदार" 🙏 ने चौकसी बैठा दी है और "तुष्टिकरण" अपनी जेब से तो किया नहीं जा सकता।
Vithal Vyas

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