Thursday, 13 July 2017

अरून शुक्ला
अभी भी नहीं सुधरे तो,,,,,,,,,,,,,,
अमरनाथ तो छोड़ो
पास वाले मंदिर भी नही जा पाओगे ।
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मदरसा ए हलफ
असलम : पायलेट बनना बड़ा हे या जिहादी बनना
मौलवी : जिहादी
क्यों की पायलेट सिर्फ हवाई जहाज उड़ा सकता है मगर
जिहादी पूरा एयरपोर्ट
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मोदी जी, चीन को अकेला समझने की भूल न करें,
पूरा विपक्ष उसके साथ है।

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कुछ मूर्ख लम्बे समय से ये प्रचार कर रहे है कि कुछ साल के लिए अमरनाथ जाना छोड़ दो तो कश्मीरी भूखे मर जायेंगे...
हद है अमरनाथ जाना छोड़ दो, फिर वैष्णो देवी जाना छोड़ देना, इनके अलावा कैलाश मानसरोवर तो बन्द ही हो गया है।
अयोध्या भी विवादित जगह है जाना छोड़ दो। गंगासागर जाना छोड़ देना क्योंकि बंगाल है। केरल में भी जाना छोड़ देना। भोजशाला तो गई ही समझो।
देश के ज्यादातर मंदिरों में साई के नाम पर मुस्लिम एंट्री हो ही चुकी है।
अजमेर में मोइनुद्दीन को संत पहले ही बना दिया था।
अयोध्या में रामजन्मभूमि, मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और काशी में विश्वनाथ मंदिर समेत कितने धर्म स्थल इसी मानसिकता ने मस्जिद के विवाद में बदल दिए...
क्या तो लोग लिखते हैं और क्या सोच लोग उसे फॉरवर्ड करते हैं...
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बोलिये... याकुब मेमन की फांसी रूकवाने SC मे याचिका दाखिल करने वाला गोपालकृष्ण गांधी UPA का उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार..
#क्या ये शहिदो का अपमान नही?
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#मदरसो_की_दिक्कत_है कि गणित पढ़ाए तो बताना होगा आर्यभट #हिंदू था, विज्ञान में बताना होगा आइंस्टाइन
#यहूदी था।इसलिए सब #आतंकवाद पढ़ो,ये #अपना है !
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1971 का समय था जब इंदिरा गाँधी ने पूरे देश में आपातकाल लगाया हुआ था और इसी आपातकाल में इंदिरा गाँधी की सरकार ने जयपुर की महारानी गायत्री के राजमहल जयघड से हजारो टन का सोना लूटा था ,करोडो का खजाना भी लूटा लेकिन फिर इस सोने का कोई पता नहीं चल पाया ,आखिर क्या था इंदिरा गाँधी के खजाना लूटने का मामला ये सब बताने के लिए हम आपको 1976 में लिए चलते हैं |उस समय पूरे देश  में आपातकाल  लगा था इंदिरा गाँधी के इशारे पर राजस्थान के राजघराने के एक महल जयघड पर रेड डालने की तैयारी हुई उस समय जयपुर राज घराने की प्रतिनिधि महारानी गायत्री देवी थी | इंदिरा गाँधी ने इस रेड को आयकर विबाघ की कार्यवाही करार दिया था लेकिन उसमे पोलिश के दस्ते भी शामिल थे |
बाद में सेना की एक टुकड़ी भी इस काम में लगायी गयी जिसका मकसद जयघड में छ्पी बेशकीमती खजाना निकालना था जो महाराजा मान सिंह के द्वारा अफगानिस्तान विद्रोह के दौरान लूटा गया था |कहा जाता है की खजाना उनोंहे मुग़ल सल्तनत के हवाले न करके आमेर के किले में छिपा दिया था |
जयघड किले के नीचे पानी की विशालकाय टंकिया बनी है माना जाता है की खजाना   इन्ही में था | अब तक खजाने के लिए जयघड महल की खुदाई      करने के     बात   आग की तरह पूरे देश में फ़ैल गयी थी ,तीन महीने में जयघड महल में खजाने की खोज का काम चलता रहा | जब ये जाँच ख़त्म हुई तो सरकार ने अधिकारिक रूप से कहा की किले में कोई खजाना नहीं है ,लेकिन सरकार की इस बात  पर संदेह जाता है क्योकि सेना ने जब अपना अभियान समाप्त किया तो उसके बाद एक दिन के लिए दिल्ली जयपुर हाईवे आम लोगोये बंद कर दिया गया |
कहा जाता है की इस दौरान जयघड खजाने को ट्रको में भरकर दिल्ली लाया गया था  और सरकार इसे जनता की नजरो से छिपा कर रखना चाहती थी |  हलाकि तत्कालीन महारानी गायत्री देवी का कहना था की वो खजाना जयपुर के विकाश में लगा दिया गया था लेकिन इतिहासकारों ने इस बात को नहीं माना उनका कहना  था की खजाना का कुछ हिस्सा सरकार ने चोरी छिपे निकाला था | एक बात यह भी कही  जाती है की 1977 में जनता पार्टी की सरकार आने के बाद जयपुर राज घराने को किले से बरामद सम्पति का कुछ हिस्सा लौटाया गया था |
आज तक  महाराजा मान सिंह के खजाने पर सस्पेंस चल रहा है उस वख्त जयघड  के   खजाने ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया  था |अजय देवगन की फिल बाद साहो  इसी घटना पर आधारित है जो सितम्बर में आने वाली है |




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