Thursday 13 July 2017

किंग कांग को उठाकर रिंग से बाहर फेंक दिया था दारा सिंह ने...

मशहूर पहलवान दारा सिंह ने अपने जीवन में जो भी किया, उसमें उनको सफलता हाथ लगी। कुश्ती में उन्होंने 500 मैच खेले, लेकिन कोई भी उनको हरा नहीं पाया।

दारा सिंह का जन्म 19 नवंबर को साल 1928 में हुआ था। उनका पूरा नाम दारा सिंह रंधावा था। दारा सिंह ने कुश्ती के अलावा एक्टिंग भी की। रामायण में भगवान हनुमान का किरदार निभाया, जो यादगार बन गया। 12 जुलाई 2012 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा।दारा सिंह की कम उम्र में ही उनसे बड़ी लड़की से घरवालों ने शादी कर दी। 17 साल की उम्र में दारा सिंह एक बेटे के पिता बन गए। दारा सिंह बचपन में अपने छोटे भाई रंधावा के साथ पहलवानी करते थे।दारा सिंह 1947 में सिंगापुर गए और तारलोक सिंह को हराकर चैंपियन ऑफ मलेशिया का खिताब जीता था। मलेशियन खिताब जीतने के बाद 1954 में दारा फिर भारतीय चैंपियन बने थे।दारा सिंह ने अपने जीवन में 500 कुश्ती के मुकाबले खेले, लेकिन उनको हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ था। उन्होंने पूरे जीवन में कभी कुश्ती का मैच नहीं हारा। साल 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को हरा कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमेरिका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने थे।दारा सिंह और किंग कांग का मुकाबला आज भी याद किया जाता है। सबसे हैरतअंगेज मुकाबलों में से इस मुकाबले में दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के 200 किलो वजनी पहलवान को सिर से ऊपर उठाया और घुमा के फेंक दिया था। दारा सिंह के इस दांव पर दर्शक हैरान रह गए थे।साल 1983 में दारा सिंह अपने जीवन का आखिरी मुकाबला जीतने के बाद कुश्ती से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया था। दिल्ली में हुए इस टूर्नामेंट में जब उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा की थी तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस टूर्नामेंट का उद्धघाटन किया था और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह ने जीतने वालों को ट्रॉफी प्रदान की थी।दारा सिंह ने फिल्मों में भी किस्तम अजमाई। साल 1952 में उन्होंने ‘संगदिल’ फिल्म से फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। दारा सिंह ने कई बड़ी फिल्मों जैसे- मेरा नाम जोकर, अजूबा, दिल्लगी, कल हो न हो और जब वी मेट जैसी फिल्मों में काम किया था।दारा सिंह के बेहद बलशाली होने की वजह से उस जमाने की अदाकाराएं उनके साथ काम करने से कतराती थी। उनके बेहद मजबूत कद काठी की वजह से ज्यादातार एक्ट्रेस ने उनके साथ काम करने से मना किया था। दारा सिंह ने छोटे पर्दे पर भी अपना जलवा दिखाया। रामायण सीरियल में उनकी हनुमान की भूमिका ने दर्शकों का दिल जीत लिया। दारा सिंह ने 1978 में मोहाली में दारा स्टूडियो खरीदा था। ये स्टूडियो खुद में ही एक मिनी शहर है। इस स्टूडियो को विश्व स्तर का माना जाता है।खेल और सिनेमा के अलावा दारा सिंह ने राजनीति में भी हाथ आजमाया। वे देश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें राज्यसभा के लिए किसी राजनीतिक पार्टी ने नामित किया था। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2003-2009 तक राज्य सभा का सदस्य बनाया।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

🕉हिंदुत्व क्या है ?
*अपनों की रक्षा के लिए और धर्म की रक्षा के लिए परशुराम जी की तरह धार्मिक संत बनना और आवश्यकता पड़ने पर अधर्म के खिलाफ हथियार भी उठाना हिंदुत्व है।*
*राजनीति में चाणक्य की कूटनीति को अपना कर तन, बुद्धि और आत्मा को मजबूत बनाना और शुद्ध और पवित्र हो कर अपनों की रक्षा करना हिंदुत्व है।*
*निस्वार्थ निष्काम राजा विक्रम जैसे योद्धा बन कर अपने वचनों को पूर्ण करना, और धर्मं की रक्षा करना हिंदुत्व है।*
*हिंदुत्व ने ही विश्व को सुश्रुत जैसे वैद्य दिए, हिंदुत्व ने ही आर्यभट के रूप में गणितज्ञ दिए, हिंदुत्व ने इस विश्व को शून्य का ज्ञान करवाया, ग्रहों और तारो के गूढ़ रहस्यों को सुलझाया और भी न जाने कितने आविष्कारक दिए हैं। हिंदुत्व केवल देवी देवताओं की पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दया, प्रेम, करुणा, शांति, अहिंसा, सर्वधर्म समभाव आपसी भाईचारा और विश्वबन्धुत्व, वसुधैवकुटम्बम जैसे उच्च आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना सिखाता है l हिन्दुत्व माता-पिता को ईश्वर तुल्य और उनकी सेवा को परम धर्म मानता है और घर आये मेहमान को भी भगवान मानकर उसकी सेवा करना सिखाता है। हिंदुत्व केवल मानव ही नहीं बल्कि प्रत्येक जीव के प्रति दया और अहिंसा का पाठ पढ़ाता है, यहाँ तक कि पेड़ पौधों, वायु, अग्नि, जल, आकाश, सूर्य, चाँद, तारों और सृष्टि की प्रत्येक रचना को ईश्वर का उपहार मान कर उनकी पूजा अर्चना का सन्देश देता है।*




No comments:

Post a Comment