Friday, 7 July 2017

sanskar-2

छठी शताब्दी में पूरे पहाड़ को ही तराशकर बना विशाल शिव मंदिर मसरूर मन्दिर कांगड़ा घाटी हिमाचल प्रदेश ।
इसे हिमालयन पिरामिड भी कहते है ...
सोचिये ..इस्लाम आदि धर्मो का जब उदय भी नही हुआ था तब हिन्दू संस्कृति में निर्माण कला और आर्किटेक्ट कितनी उन्नत थी
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Ram Mahesh Mishra ने 3 नई फ़ोटो जोड़ीं.
भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने चाहा है कि भारत का हर व्यक्ति भारतीय सेना के बारे में नीचे लिखे वाक्यों को अवश्य पढ़े।
आपसे सादर आग्रह है कि कृपया इन अमूल्य 'राष्ट्र रक्षा सूत्रों' को विभिन्न माध्यमों से अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुँचाने में सहयोग कीजिए.
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भारतीय सेना 10 सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन: अवश्य पढें।
इन्हें पढकर सच्चे गर्व की अनुभूति होती है...
1.
" *मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।*"
- कैप्टन विक्रम बत्रा,
परम वीर चक्र
2.
" *जो आपके लिए जीवनभर का असाधारण रोमांच है, वो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी है।* "
- लेह-लद्दाख राजमार्ग पर साइनबोर्ड (भारतीय सेना)
3.
" *यदि अपना शौर्य सिद्ध करने से पूर्व मेरी मृत्यु आ जाए तो ये मेरी कसम है कि मैं मृत्यु को ही मार डालूँगा।*"
- कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे,
परम वीर चक्र, 1/11 गोरखा राइफल्स
4.
" *हमारा झण्डा इसलिए नहीं फहराता कि हवा चल रही होती है, ये हर उस जवान की आखिरी साँस से फहराता है जो इसकी रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग कर देता है।*"
- भारतीय सेना
5.
" *हमें पाने के लिए आपको अवश्य ही अच्छा होना होगा, हमें पकडने के लिए आपको तीव्र होना होगा, किन्तु हमें जीतने के लिए आपको अवश्य ही बच्चा होना होगा।*"
- भारतीय सेना
6.
" *ईश्वर हमारे दुश्मनों पर दया करे, क्योंकि हम तो करेंगे नहीं।"*
- भारतीय सेना
7.
" *हमारा जीना हमारा संयोग है, हमारा प्यार हमारी पसंद है, हमारा मारना हमारा व्यवसाय है।*
- अॉफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई
8.
" *यदि कोई व्यक्ति कहे कि उसे मृत्यु का भय नहीं है तो वह या तो झूठ बोल रहा होगा या फिर वो इंडियन आर्मी का ही होगा।*"
- फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ
9.
" *आतंकवादियों को माफ करना ईश्वर का काम है, लेकिन उनकी ईश्वर से मुलाकात करवाना हमारा काम है।*"
- भारतीय सेना
10.
" *इसका हमें अफसोस है कि अपने देश को देने के लिए हमारे पास केवल एक ही जीवन है।*"
- अॉफीसर प्रेम रामचंदानी
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डिलीवरी मैन के बेटे ने फ्रांस में जीता रजत, बढ़ाया देश का गौरव...

हरिद्वार: अंतरराष्ट्रीय खेल जगत के रेस की दुनिया में उत्तराखंड का एक और सितारा चमक उठा है। इंटरनेशनल स्कूल फेडरेशन की ओर से फ्रांस में हुई आईएसएफ विश्व स्कूल गेम्स में एथलीट अन्नू कुमार ने 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता।

यह खेल प्रतियोगिता फ्रांस के नैन्सी शहर में हुई थी। आईएसएफ विश्व स्कूल गेम्स में हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के धनपुरा गांव के एथलीट अन्नू कुमार ने 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर देश और उत्तराखंड का नाम रोशन किया।

फ्रांस से अपने गांव लौटने के बाद अन्नू का स्वागत बड़ी धूमधाम से किया गया। अन्नू के पिता महिपाल ज्वालापुर (हरिद्वार) स्थित एक गैस एजेंसी में डिलीवरी मैन हैं।

विश्व स्कूल गेम्स में प्रतिनिधित्व करते हुए अन्नू ने 800 मीटर दौड़ को एक मिनट और 53 सेकंड में पूरा कर द्वितीय स्थान हासिल किया। अन्नू के रजत पदक जीतने की जानकारी मिलने के बाद से धनपुरा गांव के साथ ही आसपास के क्षेत्र में लोगों की जुबां पर अन्नू का ही नाम है। उसके गांव पहुंचने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण उसकी आगवानी को जमा हो गए।

ग्रामीणों ने ढोल की थाप के बीच अन्नू को फूल मालाओं से लाद उसका स्वागत कर हौंसला बढ़ाया। इस मौके पर पूर्व ग्राम प्रधान सलीम अहमद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बेहतर मंच मिलने पर वे इसे साबित भी करते हैं और अन्नू इसका उदाहरण है।

अन्नू के कोच लोकेश कुमार ने बताया कि इस दौड़ के लिए उसने कड़ी मेहनत की थी। महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज देहरादून के छात्र अन्नू ने इस साल हाईस्कूल की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की है।



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