Monday 10 July 2017

1962 की लडाई में CPI के नेता चीन की मदद का आफर लेकर सोवियत दूतावास गये थे! क्या आज कांग्रेस उसी राह पर है?
जब चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया था तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता सोवियत संघ के दूतावास में गये थे और कहा था कि हम चीन के समर्थन में अपनी सेवा देना चाहते हैं!
सोवियत ने फंड दिया और कम्युनिस्ट नेताओं ने भारत के साथ गद्दारी की! उन सारे नेताओं का नाम और उनकी करतूत सबूत के साथ मेरी पुस्तक #कहानीकम्युनिस्टोंकी में पहली बार आया है!
आज जब एकबार फिर चीन के साथ भारत की तनातनी चल रही है तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसियों का चीनी राजदूत से मिलना संदेह पैदा कर रहा है!
मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगते मणिशंकर अय्यर की वीडियो हम सब देख चुके हैं! राहुल की विदेश नीति में कुछ खास समझ भी आज तक नहीं दिखी है! जब चीन धमकी दे रहा हो कि हम POK में पाक के पक्ष में हस्तक्षेप करेंगे, फिर ऐसे समय में राहुल गांधी और #PMModi से हद दर्जे तक नफरत करने वाले आनंद शर्मा का चीनी दूतावास में होना मुझे तो खटक रहा है?
पाकिस्तान की पतली हालत देखकर कांग्रेसी चीन से मदद मांगने तो नहीं गये हैं? कि एक लिमिटेड क्षेत्र पर हमला कर उस पर कब्जा कर लो, फिर देश में कमजोर प्रधानमंत्री का शोर मचाते हुए मोदी सरकार को गिराने के लिए संसद से सड़क तक उधम मचा देंगे?
याद हो अभी राहुल ने 'कमजोर प्रधानमंत्री' का जुमला भी उछाला था, जबकि तब पीएम इजरायल में थे!
जिनको मेरी बात हास्यास्पद लगे, वो प्लीज 1949 में CPI द्वारा नेहरू को सत्ता से हटाने और 1962 में चीन की मदद के लिए सोवियत दूतावास की भूमिका देख लें! आज चीनी दूतावास भी उसी राह पर हो तो क्या आश्चर्य?
मेरी पुस्तक #KahaniCommunistonKi में आप सारी सच्चाई पढ़ सकते हैं। Link: http://www.amazon.in/Kahani-Communisto-Ki-Vamp…/…/9386349590

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