वेशर्मी और हरामीपना ऐसा की टॉप लेवल की रंडी भी शर्मा जाए .......!!!
राहुल गांधी दिल्ली में चीन के एम्बेसडर से मिले ...चीनी एम्बेसी का कथन
राहुल गाँधी चीनी एम्बेसडर से नहीं मिले ...................कांग्रे स का बयान
सोशल मीडिया ने राहुल की चीनी एम्बेसडर से मुलाक़ात की पिक पब्लिश की और फिर कांग्रेस ने राहुल द्वारा चीनी दूत से हुयी मुलाक़ात से किया इनकार ..... , कांग्रेस के इनकार के बाद दिल्ली के चीनी दूतावास ने अपनी साईट से राहुल से मुलाक़ात सम्बन्धी समाचार किया डिलीट ..
...........सोशल मीडिया में समाचार फैला तो फिर घबराए हुए कांग्रेस प्रवकता मनीष तिवारी ने पूरी वेशर्मी के साथ मीडिया में कुतर्क पेश किये ,,,,,,,,,,,,,कि राहुल गांधी दुनिया भर के लोगो से मिलते रहते है ..............और वर्तमान मोदी सरकार के कई मंत्री तथा सहयोगी चीन जाते रहे है .....................लेकिन मक्कार मनीष तिवारी ने यह नहीं बताया की अगर कोई सरकारी प्रतिनिधि या नेता चीन से मिलता है तो उसके समाचार मीडिया में आते है लेकिन राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से अपनी मुलाक़ात को देश से क्यों छिपाया और जब ये सूचना लीक हुयी तो पहले कांग्रेस ने झूठ क्यों बोला की राहुल चीनी राजदूत से नहीं मिले है और चीन का समाचार झूठा है ......फिर अचानक ऐसा क्यों हुआ की चीनी दूतावास ने राहुल से मुलाक़ात का समाचार डिलीट किया और ..............फिर से पलटी खाते हुए कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया की राहुल गांधी चीनी एम्बेसडर से मिले थे .पहले कांग्रेस द्वारा पाकिस्तान जाकर उससे गुहार लगाना की मोदी को हटाओ हमे लाओ और अब चीन के दूत से गुप्त मुलाक़ात और मुलाक़ात का भांडा फूट जाने तथा सबूत सामने आने के बाद वेशर्मी के साथ मुलाक़ात को स्वीकार कर डैमेज कंट्रोल की कवायद ...................आखिर कांग्रेस के इस पाकिस्तान चीन प्रेम का मकसद क्या है ???
एक सबाल .जो लौंडा बिना नक़ल के एक शोक सन्देश भी नहीं लिख सकता वह भारत चीन विवाद जैसे कठिन और गहन विषय में चीन से क्या बाते करने गया था ???
राहुल गांधी दिल्ली में चीन के एम्बेसडर से मिले ...चीनी एम्बेसी का कथन
राहुल गाँधी चीनी एम्बेसडर से नहीं मिले ...................कांग्रे
सोशल मीडिया ने राहुल की चीनी एम्बेसडर से मुलाक़ात की पिक पब्लिश की और फिर कांग्रेस ने राहुल द्वारा चीनी दूत से हुयी मुलाक़ात से किया इनकार ..... , कांग्रेस के इनकार के बाद दिल्ली के चीनी दूतावास ने अपनी साईट से राहुल से मुलाक़ात सम्बन्धी समाचार किया डिलीट ..
...........सोशल मीडिया में समाचार फैला तो फिर घबराए हुए कांग्रेस प्रवकता मनीष तिवारी ने पूरी वेशर्मी के साथ मीडिया में कुतर्क पेश किये ,,,,,,,,,,,,,कि राहुल गांधी दुनिया भर के लोगो से मिलते रहते है ..............और वर्तमान मोदी सरकार के कई मंत्री तथा सहयोगी चीन जाते रहे है .....................लेकिन
एक सबाल .जो लौंडा बिना नक़ल के एक शोक सन्देश भी नहीं लिख सकता वह भारत चीन विवाद जैसे कठिन और गहन विषय में चीन से क्या बाते करने गया था ???
चीन से दलाली की बात नयी नहीं है एक पुरानी घटना याद दिलाते है
दलाल गाँधी खानदान का धंधा चीन से चाभे चंदा –
हिन्दुस्थान का दुश्मन चीन अपने लाभ के लिए गाँधी खानदान से सौदा कर चुका है ! हिन्दुस्थान सरकार से अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए गाँधी खानदान के संस्थान ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ को चीन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है ! चीन से चंदा चाभनेवाले गाँधी परिवार का धंधा अरबों रूपये में है ! यूपीए सरकार के गठन के बाद से ही चीन के साथ राजीव गाँधी फाउन्डेशन से नजदीकियां बढ़ी ! कनिमोझी मामले में रिश्वत का कोण देखनेवाली सीबीआई गाँधी खानदान वाले फाउन्डेशन में जमा होने वाले अरबों रूपये की रकम की अनदेखी करती है !
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राजीव गाँधी फाउन्डेशन एक गैर-सरकारी संगठन है ! वर्ष 1991 में गठित ‘राजीव गाँधी फाउन्डेशन’ की अध्यक्ष यूपीए चेयरमेन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी हैं ! प्रियंका गाँधी वढेरा एक्जीक्यूटिव ट्रस्टी हैं ! राहुल गाँधी भी ट्रस्ट में सदस्य हैं ! यह तो हुई गाँधी खानदान की बात ! इस ट्रस्ट में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पी.चिदंबरम, और मोंटेक सिंह आहलूवालिया भी हैं ! ये तीनों अर्थ जगत से जुड़े रहे हैं और समझा जाता है की पैसे का जुगाड़ यही देखते हैं !
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हिन्दुस्थान के नामी-गिरामी प्रतिष्ठानों के अलावा दुनिया की कई सरकारों ने इस फाउन्डेशन को चंदा दिया है भ्रष्टाचार मुक्ति वाहिनी के पदाधिकारी गौरव शर्मा बटाते हैं कि पिछले 3 वर्षों में 300 मिलियन के करीब चंदा आया है ! चीन ने गाँधी खानदान वाले इस ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ को खुलकर चंदा दिया है ! गौरव शर्मा के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चीन, वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन एम्बेस्सी ऑफ़ लक्सेम्बर्ग, गवर्नमेंट ऑफ़ आयर्लैंड. द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कोर्पोरेशन लिमिटेड आदि ने राजीव गाँधी फाउन्डेशन को चंदा दिया है !
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हाल ही में पीटीआई द्वारा जारी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हिन्दुस्थान और चीन के बीच व्यापार सौदे में 12 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ है ! एक और हिन्दुस्थान के घाटे में बढ़ोत्तरी हो रही है और दूसरी और चीन गाँधी खानदान वाले फाउंडेशन पर मेहरबान है ! गौरव शर्मा ने सवाल किया है कि आखिर इस सहायता की राजीव गाँधी फाउन्डेशन को क्यों जरूरत पड़ी? साथ हिः चीन ने ही इस सहायता को देने में इतनी रुचि क्यों दिखाई ?
साभार हिंदी सामना-
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देश में मोदी सरकार बनने के बाद से ही नेहरु गांधी परिवार सदमे में है की आखिर एक चाय वाला इस देश का प्रधानमन्त्री कैसे बन गया .और जब बन गया तो कांग्रेस की लाख साजिशो के बाद भी मोदी कमजोर क्यों नही हो रहा ......भारत चीन के बीच तनाव के बीच राहुल गांघी की चीनी राजदूत से मुलाक़ात का भांडाफोड़ होने .उसके बाद कांग्रेस के द्वारा मुलाकात का खंडन फिर चीन द्वारा भी राहुल से मुलाक़ात को छिपाना .......और मामला जनता और मीडिया में फ़ैल जाने के बाद कांग्रेस द्वारा थूक कर चाटते हुए यह स्वीकार कर लेना की राहुल ने चीन के राजदूत से मुलाक़ात की थी ............इस समाचार से अलग एक और समाचार की राहुल गांधी किस तरह विदेश में भी मोदी सरकार के खिलाफ साजिशे रचते रहे है .....ताकि मोदी को विदेश में बदनाम किया जा सके ..............!!!
— DrRani Singh और Shanti Singh के साथ...................................................................................
पेचीदा मामलों की जानकारी लेना मेरा काम है'''.....राहुल गांधी का चीनी दूत से मुलाक़ात के मुद्दे पर बयान ..............!!!
चीन के राजदूत से गुप्त मुलाक़ात , फिर चीन और कांग्रेस द्वारा मिल कर मुलाक़ात को छिपाना और सोशल मीडिया में मुलाक़ात की पिक आने के .कांग्रेस द्वारा राहुल की चीनी दूत से मुलाक़ात करने की बात कांग्रेसी प्रवक्ताओ द्वारा स्वीकार करने के बाद राहुल गांधी ने भी स्वीकार कर लिया है की वह चीनी दूत से मिले थे .....
अब राहुल का ये तर्क है ....''''पेचीदा मामलों की जानकारी लेना मेरा काम है'''..........................अब मुद्दा यह की भारत चीन तनाव तथा सीमा विवाद जैसे पेचीदा मामले में जानकारी करने के लिए चीनी राजदूत से की गयीं मित्रवत मुलाकातों की बात कांग्रेस ने पहले छिपाई क्यों .फिर इसी बात को चीन ने क्यों छिपाया .........और जब सोशल मीडिया में मुलाक़ात के सबूत आ गए तो किस मज़बूरी में आई है राहुल और कांग्रेस की स्वीकारोक्ति .कही ये डैमेज कंट्रोल की बानगी तो नहीं है !
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