Sunday, 1 March 2015

Aditi Gupta
कल 02:05 अपराह्न बजे · 
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के माधोपुर गाँव में एक किसान रहते हैं जिनका नाम है किशोर साही..... गाँव में ही उनकी करीब 1.5 एकड़ जमीन है जिस पर गाँव के ही मुस्लिमों ने कब्जा कर लिया, जब उन्होने इसका विरोध किया तो गाँव के ही कुछ मुसलमानों ने एक राय होकर किशोर साही व उनके परिवारजन पर हमला कर दिया........ मतलब पहले चोरी फिर सीनाजोरी, बवाल बढ़ता देख पुलिस को खबर की गई, पर अखिलेश सरकार की मुस्लिमनिष्ठ व उलेमा समर्पित पुलिस ने कोई मदद न की उल्टे किशोर साही को ही हड़का दिया...... ऐसे में किशोर साही को क्या करना चाहिए जब एक नागरिक को कानून और पुलिस ही सुरक्षा देने से मना कर दे....... अपनी व अपने परिवार की जान-माल की सुरक्षा के लिए किशोर साही के पास अब एकमात्र उम्मीद बची वो थी हिन्दू युवा वाहिनी....... किशोर साही ने हिन्दू युवा वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह को अपनी तकलीफ सुनाई, हिन्दू युवा वाहिनी ने तुरन्त गाँव में जाकर किशोर साही व उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान की........
गाँव में हिन्दू युवा वाहिनी के भय से सिर्फ वही 150 परिवार गाँव छौड़कर भागे हैं जो भूमि कब्जाने में शामिल हैं बाकि ऐसा नहीं है कि पूरा माधोपुर गाँव मुस्लिम शून्य हैं........ तो बताइये कि पूरे प्रकरण में गलती किसकी है....... पुलिस व प्रशासन से उपेक्षित एक किसान को अकेला पाकर उसकी जमीन को छीनने वाले लोग अब पिटने के भय से भाग रहे हैं तो दोष हिन्दू युवा वाहिनी का कैसे....... जब कानून और पुलिस किसी की जान-माल को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते तो फिर उसे अपनी सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है, मानवीय रूप से और संवैधानिक रूप दोनों से....... फिर यहाँ तो ऐसा भी नहीं है कि पूरा माधोपुर गाँव या कुशीनगर मुस्लिम शून्य हो गया हो तो फिर हिन्दू युवा वाहिनी साम्प्रदायिक कैसे, जो दोषी हैं वे ही भागे, वे मुस्लिम परिवार जिनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं वे अभी भी गाँव में भयमुक्त रह रहे हैं.... गलती करने वाला तो डरता है...... प्रशासन ने भूमि की जाँच की तो बताया जा रहा हैं कि जमीन वास्तविकता में किशोर साही की ही है...... जिस पर कुछ मुस्लिम अपना कब्रिस्तान बनाने की कोशिश में थे........ असली समस्या यहीं से शुरू होती है.......
हिन्दू युवा वाहिनी को ऐसे पेश किया जा रहा है कि हिन्दू युवा वाहिनी कोई मध्ययुगीन बर्बर सेना हो..... सेक्युलर रतौंधी की शिकार मीडिया के साथ-साथ हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई जैसी खूनी बवासीर से पीड़ित लोग, जिनको हिन्दू युवा वाहिनी साम्प्रदायिक जान पड़ रही है वह कुशीनगर के बीते और वर्तमान हालातों पर भी नजर डाल लें...... और पूछें वहाँ के हिन्दूओं से जो अघोषित इस्लामिक नियम-कायदों में तिल-तिल कर मरते रहे, लुटते-पिटते रहे....... आज तो हिन्दू अच्छे से एकजुट नहीं है..... नींद से पूरी तरह जागा भी नहीं है, नींद की खुमारी में ही है, अधमुंदी आखों से ठीक से जागकर खड़ा भी नहीं हुआ तो गाँव छौड़कर भाग रहे हो....... कहीं पूरा का पूरा हिन्दू पूरी तरह से जाग एक जुट हो गया तो पता नहीं क्या छौड़कर भागोगे........

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