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गज़ब का इन्साफ !!
नागालैंड में रेप के आरोपी सैय्यद उल रहमान को जेल से निकालकर जनता ने सरेआम चौराहे पर दे दी फांसी।
काश कि ये न्याय कथित "निर्भया" के लिए भी हुआ होता तो वो नाबालिग ???? क्रूर बलात्कारी मुहम्मद अफरोज जिसने पीड़ित लड़की के साथ बलात्कार के बाद लोहे की छड़ से उसकी आंतड़िया बाहर निकाल दी थीं जिससे उसकी बड़ी दर्दनाक मौत हुई थी, आज भारत के सुधारघरों में पेंटिंग ना बना रहा होता और भारतीय कानून पर हंस ना रहा होता और BBC के तटस्थ ????? पत्रकार उसके बचे हुए बलात्कारियों पर यूं मजे से डाकयूमेंटरी बनाकर भारत के न्यायाधीशों के आदेशों को कचरे के डिब्बे में ना फेंक रहे होते और भारत के गृहमंत्री के निवेदन को जूते तले कुचल ना रहे होते. काश दिल्ली और अन्य जगह भी लोग क़ानून को हाथ में ही नहीं जेबों में मोबाइल कि तरह लेकर निकले तो अनेक गंभीर समस्याओ को कुछ ही घंटो में समाप्त किया जा सकता है ......कहा जा रहा है कि सय्यद रहमान पुरानी गाड़ियों का कारोबारी था,उसने लड़की को कार दिखाने के बहाने गैराज में बुलाया,लड़की को पानी के साथ नसीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया,जब लड़की बेहोस हो गई तो उसके साथ 3 बार रेप किया गया।
जब लड़की को होस् आया तो उसने शोर मचाना सुरु कर दिया,जिससे पास में खेल रहे बच्चों को पता चल गया और बच्चों ने भी शोर मचा कर लोगों को बुला दिया।
लेकिन जबतक सहर में लोगों को इसका पता चला तब तक पुलिस लड़की की निसानदेही पर आरोपी सय्यद को पकड़कर सेंट्रल जेल में बंद कर चुकी थी,सहर वासियों ने बलात्कारी को जनता के हवाले करने की मांग की तो पुलिस ने मना कर दिया,इसके बाद सहर भर से लगभग 10 हजार लोगों ने जेल को घेर लिया और बलात्कारी को जेल से निकालकर बुरी तरह पीटा जब बलात्कारी की मौत हो गई तो लोगों ने उसे दीमापुर सहर के बीचों बीच टावर पर फांसी पर लटका दिया.!
जब मुझे घटना का पता चला तो मै अपने कुछ साथियों के सात देखने गया तो उस समय उसे लहूलुहान करके सहर भर में घुमाया जा रहा था।
रेप के आरोपी को भीड़ ने जेल से निकालकर नंगा किया, मारा, लाश चौराहे पर टांगी
दीमापुर ,कोहिमा। खबर नागालैंड की है जहां ने उग्र और हिंसक रूप अख्तियार कर बालात्कार करने वाले को सरे राह सरे आम सजाये मौत कि सजा दी , भीड़ का गुस्सा बलात्कार की घिनौनी घटना पर था और इसलिए उसे अपने ऊपर काबू रखना काफी मुश्किल हो गया था। करीब शाम चार बजे पहले 10,000 छात्रों की भीड़ ने पूरे शहर में रेप के खिलाफ रैली निकाली और उसके बाद जिला जेल पर धावा बोल दिया। इतनी भारी संख्या में लोगों को काबू करने में पुलिस के भी पसीने छूट गये।
हालांकि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलायीं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े लेकिन भीड़ ने हटने का नाम नहीं लिया और उसने जेल में बंद रेप के आरोपी को अपने साथ खिंचकर बाहर ले आयी और उसके सारे कपड़े उतार दिये। उसके बाद वो आरोपी को नंगा करके मारते हुए चौराहे पर ले आयी और उसे इतना पीटा की आरोपी की मौत हो गई और मार डालने के बाद आरोपी की लाश को चौराहे पर टांग भी दिया।
भीड़ ने दुष्कर्मी को जेल से खींचकर मार डाला
जानकारी के मुताबिक उग्र भीड़ की संख्या 4000 से ज्यादा थी जिसमें करीब आधे से ज्यादा छात्र थे जो कि एक आदिवासी छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म से आहत थे। आरोपी मृतक का नाम फरीद खान बताया जा रहा है जिसकी उम्र 35 साल थी और उसने 23-24 फरवरी को एक नागा छात्रा को बंधक बनाकर कई बार रेप किया था। इस कुकर्म के आरोप में पुलिस ने उसे 25 फरवरी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
आरोपी ने नागा छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया था
फिलहाल जिला पुलिस प्रमुख मेरेन जमीर ने मीडिया को बताया, करीब चार हजार लोगों की भीड़ ने दो गेटों को तोड़कर भीड़ आरोपी को जेल से उठा ले गई और नंगा कर उसे घुमाया। इस दौरान भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि हमने शव को कब्जे मे ले लिया है। हमने स्थिति नियंत्रित करने के लिए दीमापुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया है।
पुलिस के मौन होने पर लगे सवालिया निशान
इस घटना के तुरंत बाद शाम सात बजे मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रिमंडल की आपात बैठक हुई। जहां सीएम ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा कि किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने घटना की पूरी रिपोर्ट विभाग से मांगी है और जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।
दीमापुर घटना पे प्रगतिशील वामपंथियों और मुल्लो ने ये लाइन ली है....
हकीकत में लड़की ने लड़के से दो लाख रुपये की मांग की थी ! नहीं देने पर बलात्कार
का आरोप लगाया था और मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार कि पुष्टि भी नहीं हुई थी ! यह
एक साजिश है नागालैंड से गैर नागा लोगों को भगाने का जिसमें प्रशासन के साथ-साथ
वहां के आतंकवादी संगठन भी शामिल हैं ....
का आरोप लगाया था और मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार कि पुष्टि भी नहीं हुई थी ! यह
एक साजिश है नागालैंड से गैर नागा लोगों को भगाने का जिसमें प्रशासन के साथ-साथ
वहां के आतंकवादी संगठन भी शामिल हैं ....
दुसरे जनाब लिखते हैं,,,,,
नागालैंड की सच्चाई जानो पहले। वो शख्स बलात्कारी नहीं था। एक बदचलन ने उसे
ब्लैकमेल करके 2 लाख रूपए मांगे। न देने पर रेप का आरोप लगा दिया। उग्र भीड़ ने
उसे सिर्फ इस लिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वो एक मुस्लमान था। वहा के SP
का बयान आया है की वो बेक़सूर था।
ब्लैकमेल करके 2 लाख रूपए मांगे। न देने पर रेप का आरोप लगा दिया। उग्र भीड़ ने
उसे सिर्फ इस लिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वो एक मुस्लमान था। वहा के SP
का बयान आया है की वो बेक़सूर था।
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