एक ढोलकिया जब भी ढोलक बजाता था तो एक बकरी का बच्चा अक्सर उस ढोलकिया के पास आकर खड़ा हो जाता था !!! जब तक ढोलक बजती तब तक वो बकरी का बच्चा वही खड़ा होकर ढोलक की थाप सुनकर चुपचाप रोता रहता था !!! ढोलकिया को लगा कि वो इतना अच्छा बजाता है इसलिये बकरी का बच्चा इस थाप पर रिझा चला आता है !!! एक दिन ढोलकिया ने उस बकरी के बच्चे से पूछ ही लिया कि तुम्हें मेरी ढोलक की थाप , मेरा सुर , मेरी लय , मेरी तान इतनी अच्छी लगती है कि तुम रोज़ इसे सुनने आते हो ???
.
बकरी का बच्चा बोला कि मैं नहीं जानता कि आप क्या बजा रहे हो ??? ना मुझे थाप का ज्ञान , ना सुर , लय , ताल की ही कोई समझ है ??? मैं तो सिर्फ़ इसलिये आता हूँ क्योंकि जो तुम्हारी ढोलक पर चमड़ा मढ़ा है वो मेरी माँ के बदन से आया है !!!
.
यही हाल आज हर उस भारतीय का है जिसे माँ भारती के ज़ख़्मों की टीस थाप की तरह सुनाई देती है , आज हर राजनैतिक पार्टी की ढोलक माँ भारती के बदन की चमड़ी को अपने स्वार्थ की थापो से पीट रही है मगर माँ भारती का ये निःशब्द रूद्र रूदन ये चीत चीत्कार कुछ मैमनो को छोड़कर किसी को सुनाई नहीं पड़ता है !!!
==============================
यदि गांधी के जन्मदिन को अवकाश के रूप में ना मनाना गांधी का अपमान है तो सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के बारे में भी आपकी यही सोच है ??
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
अगर बुर्का पहन कर खुद की पहचान छिपाना क़ानूनी है तो हमारी गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल कर CCTV लगाने का नाटक बंद किया जाय।
===============================
.
बकरी का बच्चा बोला कि मैं नहीं जानता कि आप क्या बजा रहे हो ??? ना मुझे थाप का ज्ञान , ना सुर , लय , ताल की ही कोई समझ है ??? मैं तो सिर्फ़ इसलिये आता हूँ क्योंकि जो तुम्हारी ढोलक पर चमड़ा मढ़ा है वो मेरी माँ के बदन से आया है !!!
.
यही हाल आज हर उस भारतीय का है जिसे माँ भारती के ज़ख़्मों की टीस थाप की तरह सुनाई देती है , आज हर राजनैतिक पार्टी की ढोलक माँ भारती के बदन की चमड़ी को अपने स्वार्थ की थापो से पीट रही है मगर माँ भारती का ये निःशब्द रूद्र रूदन ये चीत चीत्कार कुछ मैमनो को छोड़कर किसी को सुनाई नहीं पड़ता है !!!
==============================
यदि गांधी के जन्मदिन को अवकाश के रूप में ना मनाना गांधी का अपमान है तो सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के बारे में भी आपकी यही सोच है ??
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
अगर बुर्का पहन कर खुद की पहचान छिपाना क़ानूनी है तो हमारी गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल कर CCTV लगाने का नाटक बंद किया जाय।
===============================
महिला शक्ति को नमन _/\_
अप्रैल 2013 में नॉर्थ ईस्ट में हुई आतंकी मुठभेड़ में 19 डोगरा रेजीमेंट में तैनात मेजर विनीत वर्मा शहीद हो गए थे। तो उनकी पत्नी रूचि वर्मा ने पेंसन लेने के बजाय सेना में शामिल हो अपने पति को सच्ची श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया और अपने चार साल के मासूम बेटे अक्षत वर्मा की परवरिश के साथ ही उन्होंने सेना की तैयारी शुरू कर दी। कल ही उन्होंने चेन्नई की आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से पास आउट होकर लेफ्टिनेंट का ओहदा पा लिया है।
No comments:
Post a Comment