Saturday, 14 March 2015

dohe...

ख्वाहिशों से नहीं गिरते है फूल झोली में |
कर्म की साख को हिलाना ही होगा ||
कुछ नहीं होगा कोसने से अँधेरे को |
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा ||
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कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है..
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है
और सम्हलना भी खुद है..
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