Monday, 2 March 2015

अद्दभुत डेड सी
समुद्र तल से 400 मीटर नीचे, दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला डेड सी (मृत सागर) विदेशी सैलानियोंं के आकर्षण का केंद्र रहा है। 65 किलोमीटर लंबा अौर 18 किलोमीटर चौड़ा यह सागर अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है, जिससे तैराकों का डूबना असंभव होता है। डेड सी में मुख्यत: जॉर्डन नदी अौर अन्य छोटी नदियां आकर गिरती हैं। हालांकि इसमें कोई मछली जिंदा नहीं रह सकती, लेकिन इसमें बैक्टीरिया की 11 जातियां पाई जाती हैं। इसके अलावा डेड सी में प्रचुर मात्रा में खनिज पाए जाते हैं। ये खनिज पदार्थ वातावरण की मदद से कई स्वास्थ्यवर्धक चीजें मुहैया कराते हैं। डेड सी अपनी विलक्षण खासियतों के लिए कम से कम चौथी सदी से जाना जाता रहा है, जब विशेष नावों द्वारा इसकी सतह से शिलाजीत निकालकर मिश्रवासियों को बेचा जाता था।
यह चीजों को सड़ने से बचाने, सुगंधित करने के अलावा अन्य दूसरे कार के उपयोग में आता था। इसके अलावा डेड सी के अंदर की गीली मिटटी को क्लेयोपेट्रा की खूबसूरती के राज से भी जोड़ा जाता है। यहां तक कि अरस्तू ने भी इस सागर के भौतिक गुणों का जिक्र किया है। हाल के समय में इस जगह को हेल्थ रिज़ॉर्ट के तौर पर विकसित किया गया है।
इसके पास अनेक स्पा, क्लिनिक अौर होटल बनाए गए हैं। हर समय यहांं लोगों की भीड़ लगी रहती है। छुटियों अौर मौज–मस्ती के अन्य मौकों पर लोग सागर में तैराकी का लुत्फ उठाते हैं। किनारों पर आकर लोग इसका काला कीचड़ अपने शरीर व चेहरे पर लगाते हैं। माना जाता है कि यह कीचड़ न सिफ‍र् त्वचा को निखारता हैं, बिल्क इसमें कई बीमारियों को खत्म करने का भी गुण है।
आम पानी की तुलना में डेड सी के पानी में 20 गुना ज्यादा ब्रोमीन, 50 गुना ज्यादा मैग्नीशियम अौर 10 गुना ज्यादा आयोडीन होता है। ब्रोमीन धमनियों को शांत करता है, मैगनीशियम त्वचा की एलर्जी से लड़ता है अौर श्वासनली को साफ करता है, जबकि आयोडीन कई ग्रंथियों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। सौंदर्य अौर स्वास्थ्य के लिए डेड सी के गुणों की सिद्धि की वजह से ही कई कंपनियां डेड सी से ली गईं चीजों पर आधारित ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाती हैं। इसके गर्म सल्फर सि्ंग अौर कीचड़ कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं, खासकर आर्थराइटिस अौर जोड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज में।

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