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चीन के वर्षों के मेहनत पर मोदी ने 10 महीनों ऐसा प्रहार किया है जिसको चीन चाह के भी नहीं भुला पा रहा है।
मोदी से चीन जितना परेशान होगा उतना तो शायद कोई भी नहीं होगा। पिछले 15-20 वर्षो में चीन ने हिंदुस्तान की घेरा बंदी करके भारत को चारों और से घेर लिया था , थाईलैंड से लेकर पाकिस्तान तक, साथ में नेपाल और भूटान तक लगभग सभी देशों में उसने अपने अड्डे स्थापित किये लेकिन नरेंदर मोदी ने प्रधान मंत्री बनने के 9 अंदर अंदर चीन के अड्डों तो तहस नहस कर दिया। क्या म्यांमार, क्या बांग्लादेश, स्रिशेल्स, मॉरिशस, श्री लंका, मालदीव्स सभी जगह अपने सम्बन्ध बना कर चीन को करारा जवाब दे दिया है। अब ये देश चीन को अपने अड्डों का प्रयोग मिलिट्री के काम के लिए मना कर रहे है। चीन को समझ ही नहीं आ रहा है की वो भारत की कूटनीति का मुकाबला कैसे करे।
इसके साथ साथ चीन से लगते हुए 3000 किलोमीटर बॉर्डर पर युद्ध स्तर पर चौड़ी चौड़ी सड़के बनवाई जा रही है और चीन की तर्ज पर ही रेल की पटड़ीयो का जाल बिछवाया जा रहा है जिस से की बॉर्डर की पहचान हो सके और साथ ही साथ युद्ध की स्थिति में बहुत ही थोड़े समय में बॉर्डर पर युद्ध सामग्री पहुंचाई जा सके।
चीन के वर्षों के मेहनत पर मोदी ने 10 महीनों ऐसा प्रहार किया है जिसको चीन चाह के भी नहीं भुला पा रहा है।
मोदी से चीन जितना परेशान होगा उतना तो शायद कोई भी नहीं होगा। पिछले 15-20 वर्षो में चीन ने हिंदुस्तान की घेरा बंदी करके भारत को चारों और से घेर लिया था , थाईलैंड से लेकर पाकिस्तान तक, साथ में नेपाल और भूटान तक लगभग सभी देशों में उसने अपने अड्डे स्थापित किये लेकिन नरेंदर मोदी ने प्रधान मंत्री बनने के 9 अंदर अंदर चीन के अड्डों तो तहस नहस कर दिया। क्या म्यांमार, क्या बांग्लादेश, स्रिशेल्स, मॉरिशस, श्री लंका, मालदीव्स सभी जगह अपने सम्बन्ध बना कर चीन को करारा जवाब दे दिया है। अब ये देश चीन को अपने अड्डों का प्रयोग मिलिट्री के काम के लिए मना कर रहे है। चीन को समझ ही नहीं आ रहा है की वो भारत की कूटनीति का मुकाबला कैसे करे।
इसके साथ साथ चीन से लगते हुए 3000 किलोमीटर बॉर्डर पर युद्ध स्तर पर चौड़ी चौड़ी सड़के बनवाई जा रही है और चीन की तर्ज पर ही रेल की पटड़ीयो का जाल बिछवाया जा रहा है जिस से की बॉर्डर की पहचान हो सके और साथ ही साथ युद्ध की स्थिति में बहुत ही थोड़े समय में बॉर्डर पर युद्ध सामग्री पहुंचाई जा सके।
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