Friday, 20 March 2015

sanskar

बच्चों को राज्यों के नाम याद रखने में परेशानी होती है । इसके समाधान के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है । राज्यों के लिए एक पंक्ति बनाई है । जिसके एक वर्ण से एक राज्य बनता है । शायद अध्यापक साथियों को ये प्रयास पसन्द आए -
राज्यों के लिए पंक्ति-
" मित्र अतरा मुझसे कहते है में अपने छ: बागों में आम की उपज उगाऊ" ।
मि-मिजोरम 
त्र -त्रिपुरा
अ - असम
त - तमिलनाडू
रा - राजस्थान
मु -मणिपुर
झ - झारखंड
से - सिक्किम
क -केरल
ह -हरियाणा
ते - तेलंगाना
है - हिमाचल
में - मेघालय
अ - अरूणाचल
प - प. बंगाल
ने - नागालैंड
छः - छत्तीसगढ
बा - बिहार
गों -गोवा
में - मध्यप्रदेश
आ - आंध्रप्रदेश
म - महाराष्ट्र
की -कर्नाटक
उ - उत्तराखंड
प - पंजाब
ज - जम्मू - कश्मीर
उ - उड़ीसा
गा - गुजरात
उ- उत्तरप्रदेश
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हिमाचल प्रदेश के कु्ल्लू जिले में एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां हर 12 साल बाद शिवलिंग पर भयंकर बिजली गिरती है। बिजली के आघात से शिवलिंग खंडित हो जाता है लेकिन पुजारी इसे मक्खन से जोड़ देते हैं और यह पुनः अपने ठोस आकार में परिवर्तित हो जाता है।
यह अनोखा मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है और इसे बिजली महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कुल्लू और भगवान शिव के इस मंदिर का बहुत गहरा रिश्ता है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल के नजदीक एक पहाड़ पर शिव का यह प्राचीन मंदिर स्थित है।
कहा जाता है कि बिजली गिरने के बाद शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है। मंदिर के पुजारी शिवलिंग के अंशों मक्खन से जोड़कर पुनः लगा देते हैं। शिव के चमत्कार से वह फिर से ठोस बन जाता है। जैसे कुछ हुआ ही न हो।
बिजली शिवलिंग पर गिरने के बारे में यहां के लोग कहते हैं कि शिव नहीं चाहते थे कि बिजली गिरे तो जीव-जंतुओं और इंसानों को इसका नुकसान हो। चूंकि शिव स्वयं सर्वशक्तिमान हैं, इसलिए वे खुद यह आघात सहन कर लेते हैं। धन्य हैं भगवान शिव जो जगत के लिए विष हो या वज्रपात, सब स्वीकार कर लेते हैं।
भादौ मास में यहां मास भर मेला-सा लगा रहता है। यूं भी यहां श्रद्धालुओं के लिये लंगर की व्यवस्था रहती है। बिजली महादेव की यात्रा एक रोमांचक अनुभव भी है- यह ट्रैकिंग भी है तो तीर्थयात्रा भी।

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