हिन्दुओ को
गुलाम और हिंदुस्तान को इस्लामिक कन्ट्री बन्ने का
जीता जगता उदहारण है धारा 28,29,30A है |
इन धरो में साफ लिखा हुआ है की मुस्लिम स्कूल में
कुरान पढ़ाया जा सकता है, इसाई स्कूल में बाइबिल पढ़ाया जा सकता है,
मगर किसी भी हिंदी स्कूल में
वेद, गीता या रामायण नहीं पढ़ाया जा सकता।
ऐसा मैं नहीं कह रहा, यह संविधान की
धारा 28,29,30A में लिखा है। यह हिन्दू और हिन्दू संस्कृति को
नष्ट करने का कांग्रेसी षड्यंत्र है। इसमें ये लोग
सफल भी हो रहे हैं।।
ईसाई मिशनरी की एक शाखा जिसे रोमन
केथोलिक कहते है, वह धर्मं प्रचार के लिए कितना खर्च करते है
यह इस post में देख सकते हैं। फिर मालूम पड़ेगा कि हिंदू कितने
कंगाल है, पैसे से नहीं, धर्म के प्रति सेवा और
समर्पण की भावना से। इनको सेवा करना कम बल्कि
आपस में लड़ना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, अधिकार
मिलते ही दूसरे की औकात टटोलना
ही सर्वोपरि धर्म मालूम पड़ता है। अपनी
तुच्छ सोच, संकीर्ण मानसिकता, हीन भावना
से ऐसे ग्रस्त हैं कि इनको उठाने वाले ही पतित नजर
आते हैं। ऐसे हिंदुओं की रक्षा भगवान भी
नहीं कर सकते। दुर्योधन के पास ११
अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों के पास ७
अक्षौहिणी सेना थी तब भगवान
उनकी रक्षा कर सके। यदि एक
अक्षौहिणी
सेना होती तो भगवान पांडवो को नमस्कार करके चले जाते।
ईसाई लोगों की संस्था एक साल में १४५,०००,०००,०००
डॉलर खर्च कर सकती है और हम? धन्य है
हमारी सेवा और समर्पण की भावना को?
शायद ये बात भी किसी को हजम
भी न हो क्योंकि हाजमा ही खराब हो गया
है तो क्या किया जाये
जागो हिन्दू काँग्रेसी षढयन्त्र को पहचानो "मुसलमान
स्कूलोँ मेँ कुरान पढा सकते हैँ ईसाई बाईबल पढा सकते हैँ लेकिन
हिन्दू वेद. गीता ,रामायण की धार्मिक शिक्षा
नहीँ दे सकते" धारा 28,29,30A
गुलाम और हिंदुस्तान को इस्लामिक कन्ट्री बन्ने का
जीता जगता उदहारण है धारा 28,29,30A है |
इन धरो में साफ लिखा हुआ है की मुस्लिम स्कूल में
कुरान पढ़ाया जा सकता है, इसाई स्कूल में बाइबिल पढ़ाया जा सकता है,
मगर किसी भी हिंदी स्कूल में
वेद, गीता या रामायण नहीं पढ़ाया जा सकता।
ऐसा मैं नहीं कह रहा, यह संविधान की
धारा 28,29,30A में लिखा है। यह हिन्दू और हिन्दू संस्कृति को
नष्ट करने का कांग्रेसी षड्यंत्र है। इसमें ये लोग
सफल भी हो रहे हैं।।
ईसाई मिशनरी की एक शाखा जिसे रोमन
केथोलिक कहते है, वह धर्मं प्रचार के लिए कितना खर्च करते है
यह इस post में देख सकते हैं। फिर मालूम पड़ेगा कि हिंदू कितने
कंगाल है, पैसे से नहीं, धर्म के प्रति सेवा और
समर्पण की भावना से। इनको सेवा करना कम बल्कि
आपस में लड़ना, एक दूसरे को नीचा दिखाना, अधिकार
मिलते ही दूसरे की औकात टटोलना
ही सर्वोपरि धर्म मालूम पड़ता है। अपनी
तुच्छ सोच, संकीर्ण मानसिकता, हीन भावना
से ऐसे ग्रस्त हैं कि इनको उठाने वाले ही पतित नजर
आते हैं। ऐसे हिंदुओं की रक्षा भगवान भी
नहीं कर सकते। दुर्योधन के पास ११
अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों के पास ७
अक्षौहिणी सेना थी तब भगवान
उनकी रक्षा कर सके। यदि एक
अक्षौहिणी
सेना होती तो भगवान पांडवो को नमस्कार करके चले जाते।
ईसाई लोगों की संस्था एक साल में १४५,०००,०००,०००
डॉलर खर्च कर सकती है और हम? धन्य है
हमारी सेवा और समर्पण की भावना को?
शायद ये बात भी किसी को हजम
भी न हो क्योंकि हाजमा ही खराब हो गया
है तो क्या किया जाये
जागो हिन्दू काँग्रेसी षढयन्त्र को पहचानो "मुसलमान
स्कूलोँ मेँ कुरान पढा सकते हैँ ईसाई बाईबल पढा सकते हैँ लेकिन
हिन्दू वेद. गीता ,रामायण की धार्मिक शिक्षा
नहीँ दे सकते" धारा 28,29,30A
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