नया फतवा - सऊदी अरबिया के मुफ़्ती ने नया फतवा जारी करते हुए कहा है के शरियत लॉ के अनुसार पति भूख लगने पे अपनि पत्नी के शरीर के किसी भी हिस्से का मांस खा कर अपनी भूख शांत कर सकता है , मुफ़्ती साहब का कहना है के इस से उस महिला को शबाब मिलेगा और ये उस महिला का अपने पति के प्रति पूर्ण समर्पण माना जायेगा. आपको ये बताना भी ज़रूरी है के ये मुफ़्ती साहबसऊदी अरेबिया सरिया लॉ के सर्वेसर्वा है, अर्थात सबसे बड़े ओहोदे पर है,
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यमन से निकाले गये ५५०० लोगों में ५२५० मुस्लिम है। फिर भी #Prestituteमीडिया @NarendraModi को मुस्लिम विरोधी कहता है। @Gen_vksingh का इस्तीफ़ा माँग रहा है। #WelcomeGeneral #बिंदाय_बोल
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जब जनरल से ज्यादा जोकर बहादुर दिखने लगे .....समझ जाईये ....कोई prostitute अपने ग्राहक को आवाज लगा रही हे.....
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सर्वसुलभ,जनहितकारी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना"
एक अनुमान के अनुसार देश की एक चौथाई से भी अधिक जनसंख्या की जीविका लघु उद्योगों से चलती है| इन लघु उद्यमियों का एक बड़ा हिस्सा दलित और अति पिछड़े समाज से आता है जो कि या तो भूमिहीन है या फिर नाम मात्र की कृषि योग्य जमीन का मालिक है| परन्तु स्वतंत्रा के ६८ साल के बाद भी आज तक किसी भी सरकार ने छोटे उद्यमियों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का प्रयास नहीं किया और उन्हें पूर्ण तरह साहूकारों के हवाले छोड़ कर उन्हें सदियों तक शोषित होने दिया|
मै माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को “मुद्रा बैंक” की स्थापना के लिए धन्यवाद देता हूँ| उनका यह उपक्रम देश की एक चौथाई जनता को रोजी-रोटी देने वाले लघु उद्यामिओं को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ कर देश के एक बड़े उपेक्षित वर्ग को न सिर्फ देश के विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करेगा बल्कि देश के “अन्तोदय” के लक्ष्य की ओर बढ़ने में मील का पत्थर साबित होगा |
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वी के सिंह साहब ना हो गये "प्रहार" फ़िल्म के
नाना पाटेकर हो गए !!!
नाना पाटेकर हो गए !!!
देश के दुश्मनों से तो लड़ लिये अब देश के दलालों से
भी लड़ना पड़ रहा है।
भी लड़ना पड़ रहा है।
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रात 1:30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 3 #WelcomeGeneral का शोर....हिंदुस्तान के शेर ने कुल 5650 लोगों की जान बचाई !........
हमारे बाज़ुओं की ताकत का लोहा पूरा विश्व मान चुका है।
मगर जो बाज़ू दुश्मनों के लिए घातक साबित होते हैं, उनका मुसीबत में फँसे देश के बच्चों तक पहुँचना भी ज़रूरी है।
मैं दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद हर भारतीय को ये विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि कोई भी आपदा हमारे दृणनिश्चय से बड़ी नहीं।
आप जब भी हमें पुकारेंगे, हम आप तक पहुचेंगे।
जय हिन्द!!!!
मगर जो बाज़ू दुश्मनों के लिए घातक साबित होते हैं, उनका मुसीबत में फँसे देश के बच्चों तक पहुँचना भी ज़रूरी है।
मैं दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद हर भारतीय को ये विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि कोई भी आपदा हमारे दृणनिश्चय से बड़ी नहीं।
आप जब भी हमें पुकारेंगे, हम आप तक पहुचेंगे।
जय हिन्द!!!!
●जनरल वी के सिंह रक्षा राज्यमंत्री भारत सरकार
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यमन से निकाले गये ५५०० लोगों में ५२५० मुस्लिम है। फिर भी #Prestituteमीडिया @NarendraModi को मुस्लिम विरोधी कहता है। @Gen_vksingh का इस्तीफ़ा माँग रहा है। #WelcomeGeneral #बिंदाय_बोल
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जब जनरल से ज्यादा जोकर बहादुर दिखने लगे .....समझ जाईये ....कोई prostitute अपने ग्राहक को आवाज लगा रही हे.....
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सर्वसुलभ,जनहितकारी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना"
एक अनुमान के अनुसार देश की एक चौथाई से भी अधिक जनसंख्या की जीविका लघु उद्योगों से चलती है| इन लघु उद्यमियों का एक बड़ा हिस्सा दलित और अति पिछड़े समाज से आता है जो कि या तो भूमिहीन है या फिर नाम मात्र की कृषि योग्य जमीन का मालिक है| परन्तु स्वतंत्रा के ६८ साल के बाद भी आज तक किसी भी सरकार ने छोटे उद्यमियों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का प्रयास नहीं किया और उन्हें पूर्ण तरह साहूकारों के हवाले छोड़ कर उन्हें सदियों तक शोषित होने दिया|
मै माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को “मुद्रा बैंक” की स्थापना के लिए धन्यवाद देता हूँ| उनका यह उपक्रम देश की एक चौथाई जनता को रोजी-रोटी देने वाले लघु उद्यामिओं को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ कर देश के एक बड़े उपेक्षित वर्ग को न सिर्फ देश के विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करेगा बल्कि देश के “अन्तोदय” के लक्ष्य की ओर बढ़ने में मील का पत्थर साबित होगा |
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अमेरिका का एक जासूस एक बार काफी मशक्कत के बाद रूस के अर्काइव तक पहुच बनाने में सफल रहा था। वहां से उसे जो जानकारी मिली वह हमारे लिए हाड़ कंपाने वाली है। हाल ही में 'मित्रोखिन अर्काइव' के नाम से प्रकाशित उस किताब में विस्तार से वर्णित है कि किस तरह उस समय भारत के खिलाफ और रूस के पक्ष में लिखने के लिए तब के 1200 से ज्यादा भारतीय लेखकों-स्तंभकारों को नियमित 'तनख्वाह' दिया जाता था।
आज के लगभग सभी 'बड़े' माने जाने वाले प्रसिद्ध स्तंभकार-लेखक तब मास्को के टुकड़े पर पल रहे थे। ये सबकुछ लौह महिला (कथित दुर्गा) की देखरेख में ही हो रहा था। बड़ी मात्रा में रूबल से भरा बैग 'निवास' तक भी पहुचाया जाता था। मिथिला से रहे एक केंद्रीय मंत्री की हत्या के साज़िश की तार भी इसी मामले से जुड़े हुए हैं।
एक से एक मामला है
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