Monday, 27 April 2015

edher --udhar

ाद आखिरकार बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्रों ने परंपरागत पोशाक में डिग्री ली। 26 अप्रैल को बीएचयू के 97वें दीक्षांत समारोह में छात्र महामना मदन मोहन मालवीय की तरह साफे और पगड़ी में नजर आए।
छात्रों ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे रंग-बिरंगे गाउन-कैप को बाय-बाय बोलकर साफे अपना लिया। वहीं छात्राएं भी साड़ी और सलवार के साथ साफा लगाए नजर आईं। इस मौके पर बीएचयू के स्टूडेंट्स गुलाबी और पीले रंग की पगड़ी में नजर आए।
दीक्षांत समारोह में दिखी भारतीय पोशाक की छटा बीएचयूी के वाइस चांसलर जी.सी त्रिपाठी से छात्रों ने दीक्षांत समारोह के मौके पर भारतीय पोशाक को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया था।
बीएचयू के एक स्पोक्सपर्सन ने बताया,' बीएचयू में दीक्षांत समारोह के दौरान गाउन पहनने का चलन ब्रिटिश काल से ही चला आ रहा था। हम सबको लगा की बीचएयू की स्थापना दुनिया में भारत की पहचान बनाने के लिए हुई थी इसलिए दीक्षांत समारोह का ड्रेस कोड भी भारतीय होना चाहिए।'
इस मौके पर चीफ गेस्ट रहे मंगलयान मिशन के प्रमुख और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. जी. माधवन नायर। उन्होंने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर बनाने के साथ साथ समाज की सेवा के लिए भी प्रेरित करें।

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