Thursday, 2 April 2015

vichar ..................

आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता, लेकिन ताज्जुब
देखिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की टॉप 10
सूची में से अधिकांश वही राष्ट्र हैं,
जिन्होंने किसी एक मजहब (इस्लाम) को अपना
राष्ट्रीय मजहब घोषित कर रखा है।
द इंटर सेंटर्स संस्था की मार्च 2015 की
सूची में इराक समेत मिडिल ईस्ट पहले नंबर पर है,
सीरिया दूसरे नंबर पर है, नाइजीरिया
तीसरे, सोमालिया चौथे, अफगानिस्तान पांचवें,
लीबिया छठे, यमन सातवें, पाकिस्तान आठवें, युक्रेन नौवें
और मिश्र इस सूची में 10 वें नंबर पर है। इन देशों के
आतंकी घटनाओं में मरने वालों की संख्या के
आधार पर यह स्टडी की है।
हां, इन राष्ट्रों को हथियार सप्लाई करने वाले पश्चिम के अधिकांश
विकसित देश भी मजहबी राष्ट्र
ही हैं और उनका भी प्रत्यक्ष-अप्र
त्यक्ष एक राष्ट्रीय मजहब (ईसायत) है। ताज्जुब
देखिए, ये दोनों तरह के मजहबी राष्ट्र और
इनकी हिंसा को बौद्धिकता से ढंकने में जुटी
वामपंथी (मार्क्सवादी) जमात भारत को
धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढाते रहते हैं। है न दोगलापन...

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सिर्फ 5 माह मे जयापुर गांव की कायापलट कर दी नरेन्द्र मोदी ने !!
वनवासियों के लिए नये मकान.. 70 सोलर लाइट ... 3 बैंक ...1 डाकघर..... सार्वजनिक स्थानों पर बैठने को 50 बेंच.. 1 बस स्टाप ... 50 हैंडपंप... 12 टी-गार्ड ....1 आधुनिक आंगनबाड़ी केंद्र.. 16 बायो-टोईलेट सार्वजनिक .....30 महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग
इतनी भारी सफलता के बाद मोदी अब एकसाथ २०० गांव गोद लेनेवाले है !
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