Tuesday 8 October 2013


अब समाचार भी देखने का भी मन नहीं करता .......
 ( घटियापन की हद पार करती मिडिया ) 

भटकल -- कंहा है ??
वो टुंडा --- का क्या हुआ ??
सुना चित्तूर (आन्ध्र प्रदेश) मैं कुछ शांति दूत (मुल्ले) पकडे गये --- उनकी कोई खबर ??
कश्मीर मैं केरन मैं घुसपेठ हुयी है --क्या हालात है वंहा ??
कोंग्रेसी कर्नाटक उपाध्यक्ष बोला -- मुस्लिमो को पैसा दो और न लौटाए तो कोई बात नही
हरियाणा कोंग्रेसी सांसद बोले -- राजनीती पैसा बनाने के लिए होती है
कदावर कोंग्रेसी हरीश रावत बोले -मोदी जी के ब्यान सही है
दिग्विजय सिंह बोला -- रामलला हम आयेंगे, शौचालय वन्ही बनायेंगे
कमलनाथ ने दी धमकी -- भाजपा समर्थक सरकारी अफसरों को देख लेंगे
खेमका की रिपोर्ट का क्या हुआ ??
हरियाणा सरकार ने एक IPS को फसाने के लिए क्या कुछ नही किया , सुप्रीम कौर्ट ने फटकारा
एक लेब अस्सिटेंट ने यौन उत्पीडन से तंग आकर-- खुद पर आग लगायी, मर गयी
मुलायम सिंह -- मुस्लिम हमारे साथ है , उन पर जिसने अत्याचार किये , उनसे निबटा जायेगा

ये सभी खबरे -- कंही नही 
 देश की एक ही मुश्किल और एक ही खबर है -----आसाराम 

(और उसको जिस गन्दी तरीके से पेश किया जा रहा है की अब घरवालो के साथ बैठकर न्यूज़ भी नही देख सकते। अभी तक तो मैं समझता था की देश का मीडिया गैर-जिम्मेदार और पक्षपाती है किन्तु अब तो ये बेशरम भी हो गया है)

महेंद्र सिंह( राजीव शर्मा जी के सहयोग से) 
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मित्रों, मुज़फ्फरनगर में हालात बहुत ख़राब हैं, हर गाँव से 60-80 लड़कों को पुलिस ने उठा रखा है, ज्यादातर मर्द गाँव से फरार हैं, घर पे आये तो पुलिस का डर और खेत में जाएँ तो मुल्ले बैठे हैं घात लगाकर, tubewells में नाल काटकर पत्थर भर दिए हैं और खेतों को जगह-2 मुल्ले जला रहे हैं. प्रशासन मुल्लों को full support कर रहा है. गाँव की औरतें मजबूर हैं. वहीं दूसरी तरफ मुल्लों को रोज मुआवज़े मिल रहे हैं, shelter camps में धड़ाधड़ शादियाँ हो रही हैं और 1.5 lakhs मिल रहे हैं, नाबालिगों की भी शादियाँ हो रही हैं, जाटों को हिदुओं से अलग कर दिया गया है, मुल्ले गुरिल्ला तरीके से नुक्सान पहुंचा रहे हैं.

सभी हिन्दू मित्रों से प्रार्थना है कि यूपी सरकार द्वारा मुज़फ्फरनगर दंगों के पीड़ित हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की आवाज़ जन-जन तक पहुंचाएं। क्योंकि इनकी आवाज़ को सुनने न भारत सरकार आगे आएगी न बिकाऊ मीडिया। अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सोशल मीडिया को और सशक्त बनाएं।-----सारिका भारतीय
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गंगा यमुना में मूर्ति विसर्जन पर हाईकोर्ट की रोक, इको फ्रेंडली मूर्तियां भी आएँगी रोक के दायरे में.
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अच्छा होता यदि इसके साथ ही....."मल मूत्र और औद्योगिक कचरे" के विसर्जन पर भी रोक लगा दी होती कोर्ट ने ..... मूर्तियां तो साल में एक दो दिन विसर्जित की जाती हैं.... बाकी गंदगी तो 24x7 लगातार विसर्जित होती रहती है.....

#भारत_गौरव
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यू.पी में बने कई कत्लखाने जिनमे हजारों जानवरों को काटा जाता है उन्ही निर्दोष जानवरों का खून गंगा और यमुना में बहा दिया जाता है .. क्या इसे गंगा और यमुना का शुद्धिकरण होता है . अरे जनाब भला मिटटी की मूर्ति से गंगा मेली केसे हो सकती है .. रोक लगानी है तो इन कत्लखानो और फैक्ट्री से निकलती गंदगी पे रोक लगाइए ..!!
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