Tuesday 24 February 2015

बोलते समय इन सोलहबातों का खास ध्यान
रखना चाहिए...
1. बहुत ज्यादा नहीं बोलना चाहिए।
2. बिल्कुल चुप भी नहीं रहना चाहिए।
3. समय-समय पर बोलना चाहिए।
4. दो लोग यदि बात कररहे हैं तो उनके बीच में
बिना पूछेनहीं बोलना चाहिए।
5. बिना सोचे-विचारे कोई बात
नहीं करना चाहिए।
6. बोलने में शीघ्रता नहीं करनी चाहिए।
7. ऊट-पटांग बात नहीं करना चाहिए।
8. उलाहना भरी और मतभेदी बात
नहीं करना चाहिए।
9. हमेशा धर्म युक्त और यथार्थ बात
करनी चाहिए।
10. दूसरे लोगों को जो बातें बुरी लगती हैं वे बात
कभी नहीं बोलना चाहिए।
11.
किसी को भी ताना नहीं मारना चाहिए,ना ही व्यंग्य
करना चाहिए।
12. अनावश्यक हंसी और
दिल्लगी नहीं करना चाहिए।
13. दूसरों की बुराई नहीं करना चाहिए।
14. सच, कोमल, मधुर वाणी रखना चाहिए।
15. अपने मुख से ही स्वयं
की प्रशंसा नहीं करना चाहिए।
16. बात करते समय किसी भी प्रकार की जिद
नहीं करना चाहिए।

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इतिह!स गवाह है , जब जब किसी ने भरतपुर की तरफ आँख उठाई वो यमराज के पास गया , यहाँ महाराज सूरजमल जेसे वीर पैदा हुए है जिनसे पुरे asia के राजा मदद मांगने आते थे , इनही के बेटे Jawahar Singh ने delhi मै मुगलों को बड़ी बेहरेह्मी से पिटा था ,और मुगलों का सुरक्षा कवच कहे जाने वाला दुवार (gate) याद गार के लिए उख!ड लाये थे जो आज भी भरतपुर मै लगा हुआ है ,अफ़सोस की बात है हमारी किताबो मै इसका जिकर तक भी नही किया जाता
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एन. शिवकुमार को बचपन से ही गरीबी का सामना पढ़ा।
खेलने की उम्र में कंधे पर घर की ज़िम्मेदारियाँ आ गयी,जिस वजह से उन्हें अखबार बेचने का काम और पढ़ाई साथ में करनी पड़ी।
शिवकुमार शुरू से ही एक होनहार छात्र थे,अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने CAT की परीक्षा पास की और IIM कोलकाता में दाखिला लिया।
आज वो जर्मन रॉकेट कंपनी में कंट्री डिप्टी मैनेजर हैं और करोड़ों के पैकेज पे काम कर रहे हैं ।
शिव हर युवा के लिए प्रेरणा हैं ।

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