Sunday 17 July 2016

कुछ कर गुजरने की तमन्‍ना व्‍यक्ति में कितनी हिम्‍मत...

राजस्थान। कुछ कर गुजरने की तमन्‍ना व्‍यक्ति में कितनी हिम्‍मत भर देता है इसकी जीती जागती मिसाल हैं सुनबेना। वह झुंझुनूं के सेठ मोतीलाल कॉलेज में अपने एक दिन के बेटे के साथ परीक्षा देने पहुंची। मां के लिए प्रबंधन ने अलग कमरे की खास व्यवस्था की थी। धनुरी गांव की सुरबेना राजस्थान यूनिवर्सिटी के एमए फाइनल का पेपर देने पहुंची।
परीक्षा के ठीक एक दिन पहले उन्‍होंने बेटे को जन्म दिया था। बावजूद इसके बच्‍चे के साथ उसने पेपर दिया। उसके साथ उसके पति रियाज का भी इसी सेंटर पर पेपर था।  जिस अस्‍पताल में उसने बच्‍चे को जन्‍म दिया था वह भी उसे छुट्टी देने को राजी नहीं था लेकिन उसकी जिद के आगे किसी की नहीं चली। उसे डर था कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो एक साल खराब हो सकता था।
 पति रियाज, भाभी समीना ननद नाजमी के साथ ढाई बजे वह अस्पताल से रवाना हुई। केंद्र प्रभारी प्रो. केएल पालीवाल ने गर्ल्स कॉमन रूम में अलग व्यवस्था करवाई। सुलबेना की तमन्‍ना है कि वह एक लेक्चरर बने। उसकी तस्‍वीर और जानकारी एक न्‍यूज चैनल की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है।
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