जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद की फसल की जड़े तो पाकिस्तान में है लेकिन इसको लहलहाने में कांग्रेस, मुफ़्ती की पीडीपी और फारूख के नेशनल कांफ्रेंस पार्टी का विशेष योगदान है।
पहले फारूख अब्दुला और उसके अब्बा की सरकारे फिर कांग्रेस+ फारूक अथवा कांग्रेस+ पीडीपी की सरकारों ने 65 साल तक आतंकवादियों को शरण दी, उन्हें धन दिलवाने में सहयोग दिया और गांव-गांव में उनका मजबूत आधार तैयार करवाया। चूँकि पीडीपी और फारूख अब्दुला की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी में छतीस 36 के आंकड़े है इसलिए इन दोनों की कभी मिली जुली सरकार नही बन सकी लेकिन कांग्रेस ने इन दोनो के साथ अलग-अलग मिलकर सरकार बनवाई और सत्ता सुख के साथ-साथ अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया। यही वजह है कि इन्हें अलगाव वादियो और आतंकवादियों से हमदर्दी है।
@देश द्रोही दुष्ट कांग्रेस--
पहले फारूख अब्दुला और उसके अब्बा की सरकारे फिर कांग्रेस+ फारूक अथवा कांग्रेस+ पीडीपी की सरकारों ने 65 साल तक आतंकवादियों को शरण दी, उन्हें धन दिलवाने में सहयोग दिया और गांव-गांव में उनका मजबूत आधार तैयार करवाया। चूँकि पीडीपी और फारूख अब्दुला की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी में छतीस 36 के आंकड़े है इसलिए इन दोनों की कभी मिली जुली सरकार नही बन सकी लेकिन कांग्रेस ने इन दोनो के साथ अलग-अलग मिलकर सरकार बनवाई और सत्ता सुख के साथ-साथ अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया। यही वजह है कि इन्हें अलगाव वादियो और आतंकवादियों से हमदर्दी है।
@देश द्रोही दुष्ट कांग्रेस--
--ध्यान रखिये कि कांग्रेस का देश बाटने का एजेंडा आज भी चालू है। पहले धर्म के आधार पर देश बाटा और अब धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग.
उमा शंकर सिंह
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