Friday 10 November 2017

 
नोट-पाबंदी युद्ध ही है...
मोदी का असल ‘परमाणु बम’ आतंकी देश पर तो गिरा ही… 
उनको पूरी तरह तबाह करने के साथ कई भ्रष्ट नेताओं को बर्बाद कर गया…

 जब पीएम ने साफ़ कहा ”भारत में इस वक्त 80 से 90 प्रतिशत एक हजार और पांच सौ रुपया नकली नोट, या ब्लैक-मनी है.”
व्हाट्सएप पर  मजाक चल रहा... दुनिया का एकमात्र चायवाला जिसने 100 करोड़ लोगों को बिना चाय के जगा दिया एक झटके में'..//
अगर आप इसे हल्के में ले रहे तो आप या तो जन्मजात मूर्ख हैं, या फिर गैर-जिम्मेदार…. या फिर आपकी निष्ठा इस देश में न होकर कही और है...ऐसे फैसले तब लिए जाते हैं जब ‘फाइनल डेस्टिनी’ सामने खड़ी हो..!!
विश्वास मानिये फाइनल डेस्टिनी बहुत करीब थी…. और ईश्वर का शुक्रगुजार होइए कि ‘मोदी, प्रधानमंत्री है'...

 पिछले 35 साल से एक बड़ी लड़ाई चल रही थी। हमारे कुछ लोग भी स्वार्थ और लालसा के अनजाने में उसमें शामिल हो गए थे । देश के दुश्मनों का  उपयोग कर ,आतंकी देश एक रणनीति के तहत दो लड़ाई लड़ रहा था ।
1. सीमा पर गोली-बारी के बहाने  आतंकी घुसाना…. यह  ध्यान भटकाने का तरीका था वह असल युद्ध नहीं …
2. नकली नोट और नशे का कारोबार, भी  एक प्रकार का भ्रम पैदा करना, जिससे देश कन्फ्यूज़ रहे…
दुश्मन ,असल युद्ध भारत में लड़ रहा था। उनको स्लीपर सेल के रूप में एक बड़ा समूह हासिल हो चुका था… इंटेलिजेंस इनपुट सरकार के पास काफी समय से लगातार आ रहे थे, परन्तु पूर्व सरकारों का मनोबल और मंशा साफ न होने के कारण कुछ न हो सका। मोदी सरकार ने न केवल आतंकी देश के आईएसआई नेटवर्क सहित तमाम गुंडे-माफियाओं को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया बल्कि उस अवैध धन पर फल-फूल रहे एक बौध्दिक वर्ग को भी जोरदार झटका दिया है।
 ‘हामिद गुल साज़िश’ के तहत भारत में ‘गज़वा-ए-हिन्द’ को जोरदार झटका ..
सन 1977 से ‘हामिद गुल साज़िश’ के तहत भारत में पनप रहा ‘गज़वा-ए-हिन्द’ को अपनी शिशु अवस्था में पहुंचा दिया। मोदी सरकार ने उनकी दस साल की मेहनत पर पानी फिर गया। दुश्मन देश इतनी बड़ी मात्रा में नकली नोट छाप रहा था कि रोक पाना नामुमिकन हो गया। ट्रकों रुपया , हिल-रुट एवं चीन-नेपाल रूट’ से. आकर दूर-दराज के फ़ार्म हाउसों में डम्प था, वे धीरे-धीरे इसे भारत में खपाने वाले थे, यह पैसा काफी कुछ चुनाव पर भी असर डालने वाला था। ‘ पाक सोचता था इसी से भारत को बर्बाद कर देगा।
भारत में एक बड़ा कारपोरल नेटवर्क भी उन्हें सहयोग करने पर आमादा था। सरकार की सटीक सूचना और इतना बड़ा ऐक्शन उन्होंने कल्पना में भी नही सोचा था। पूरा नेटवर्क और लागत टूट गयी…समझिये कि अवैध-धन पर सालों से चल रहा  आईएसआई का नियंत्रण खत्म हो गया ..भारत में रह रहे कुछ देश-द्रोही नेताओं के सिवाय..
तभी तो कई पार्टियों के कार्यालयों से ईर्ष्या का धुआं उठ रहा है लेकिन बू कागज जलने की आ रही है। मोदी का असल ‘परमाणु बम’ आतंकी देश पर तो गिरा ही… उनको पूरी तरह तबाह करने के साथ कई भ्रष्ट नेताओं को बर्बाद कर गया… कई उद्योगपति, कई माफिया, कई नौकरशाह… न रो पा रहे हैं, न हंस पा रहे।

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