Friday 17 November 2017

जौहर पर लांछन लगा दिया है गुंडे नीच मवाली ने
पद्मिनी की मर्यादा को .. ...ललकारा है भंसाली ने
जहाँ स्त्रियों की लज्जा ही गरिमा की परिचायक है
खिलजी संग पदमा का जुड़ना सच में पीड़ादायक है
चलचित्रों पर दिखने वाले बस घर के मूषक होते हैं
नीच, निकम्मे, चरित्रहीन सब भांड विदूषक होते हैं
जाकर अपनी माँ - बहनों पर फिल्में बनाये भंसाली
खूब नचाये नग्न दीपिका, रणवीर से बजवाये ताली
यूँ भी भांड नचनियां सब सम्मान का सौरभ क्या जानें
खुद बाप भगोड़ा हो जिसका वो स्त्री गौरव क्या जानें
जोधा अकबर का झूठ गढ़ा फिर भी हिन्दू खामोश रहा
हर द्रोही को पूज्य दिखाया फिर भी ठंडा जोश रहा
बहुत सह लिया हमनें पर अब प्रतिकार जरूरी है
गद्दारों की छाती पर चढ़ कर करना वार जरूरी है
सारी दुनियां को याद रहे हम मर्यादा के रक्षक हैं
पर यदि अपनी पर आ जाएँ तो कालों के भक्षक हैं
अब हम अपने गौरव का ...अपमान नहीं होने देंगे
राजपूत अब हिजड़ों का मिथ्यागान नहीं होने देने
भांड-नचनियों को अपना इतिहास नहीं छलने देंगे
चाहे जान चली जाये पर फिल्म नहीं चलने देंगे
हिन्दू गौरव है अमर, इसे अभिशाप नहीं होने देंगे
सुनो समीक्षा कहती है ....अब पाप नहीं होने देंगे
सौगंध तुम्हें है राखी की अब मत सुनना गाली को
मिले जहाँ सौ जूते मारो, हर फ़िल्मी भंसाली को
_______________©® समीक्षा सिंह जादौन

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