Sunday 17 December 2017

ब्रह्मोस के लिए तैयार किये जा रहे हैं 40 सुखोई लड़ाकू विमान

देश के 40 सुखोई लड़ाकू विमानों में परिवर्तन करने का काम शुरू किया जा रहा है, ताकि वे भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करते हुए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को लॉन्च कर सकें। दुनिया की सबसे तेज रफ्तार सुपरसोनिक मिसाइल के आकाश से मार करने वाले संस्करण का सुखोई-30 लड़ाकू विमान से 22 नवंबर को सफल प्रक्षेपण किया गया। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
भारत को पिछले वर्ष मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) की पूर्ण सदस्यता मिल गई थी, जिसके बाद उसपर लगे कुछ तकनीकी प्रतिबंध हटने के चलते इस मिसाइल की क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक किया जा सकता है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम वाला ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार होगा।
सरकारी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में इन 40 सुखोई विमानों में संरचनात्मक बदलाव किये जाएंगे। ढाई टन वजनी यह मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलती है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है।  यह परियोजना 2020 तक पूरी हो जाएगी।

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