Friday 29 December 2017

एक ऐसा ब्रिटिश एजेंट पैदा हुआ था
 जो केजरीवाल और अन्ना से भी बड़ा ढोंगी था ...!!
1857 की सशस्त्र क्रांति ने अंग्रेजों का भारत में बने रहना मुश्किल कर दिया था ...
उसके बाद अंग्रेजों ने अपनी राजधानी बंगाल से हटा ली ....दिल्ली ले आए
इसके बाद धूर्त अंग्रेजों ने शासन करने के नए तरीके खोजे
1861 में हथियारों के रखने पर प्रतिबन्ध लगा दिया
इंडियन आर्म्स एक्ट 1861
जो आज तक लागू है
1885 में एक अंग्रेज को काम दिया...
एक ऐसी नाटक मंडली तैयार करो ...जो हम अंग्रेजों के विरुद्ध झूठ मूठ आंदोलन करवाती रहे
भारत के लोगों का गुस्सा प्रेशर कुकर के सेफ्टी वाल्व की तरह निकलता रहे
ताकि भारत के लोग फिर से 1857 जैसा विद्रोह ना करें...
एक भांड मंडली बनी... ए ओ ह्यूम के नेतृत्व में ...
इसमें अंग्रेजों के घरेलू नौकरों चाकरों को रखा गया ...
और इसका नाम रखा गया काँग्रेस....
जिसका अंग्रेजी में शुद्ध शाब्दिक अर्थ है
बबून बंदरों का समूह...!!!
इसके बाद ...इन अंग्रेजों ने अपनी साऊथ अफ्रीका एम्बुलेंस यूनिट के सैनिक ...
मोहनदास करमचंद गाँधी...
नाम के मंजे हुए ....धूर्त नौटकी बाज को खोजा ...
जो अहिंसा अहिंसा...
शांति शांति का ढोंग करे
शांति ....अहिंसा क्यों ..??
चूँकि इसी अहिंसा और बौद्ध धर्म के हिंदुओं पर प्रभाव के कारण ...
सनातनी वीर हिंदुओं ने हथियार रखने छोड़ दिए थे...
और मियों ने जब पश्चिम से हमला किया ...
तब ये बौद्ध निहत्थे थे
आसानी से सभी सारे बौद्धों को काट डाला...
बौद्धों के साथ हिन्दू राजाओं को भी हरा दिया
और आराम से इन हिंदुओं पर आठ सौ वर्ष राज किया था
अंग्रेज यह इतिहास और हिन्दुओं की दयालु मानसिकता ...
दोनों ही चीजें जानते थे
इसी धूर्त नीति के चलते ....आराम से आठ लाख भारतीयों को इन अंग्रेज़ों ने पकड़ लिया और ले जाकर जेलों में बंद कर दिया
गांधी के चक्कर में ये देशवासी .."बेवकूफ".. बनते रहे
मुर्गी की तरह पकड़ पकड़ अंग्रेजों ने लाखों गांधीवादियों को मार डाला
जितने दोनों विश्वयुद्ध में नहीं मरे
उससे अधिक अकेले भारत में मरे
इसलिए यह ढोंगी महात्मा और अहिंसा का पुजारी कहा गया
पर अंग्रेजों ने गांधी को कभी एक लाठी तक नहीं मारी
जैसे अन्ना को नहीं मारी सोनिया की पुलिस ने ...
कभी जेल नहीं भेजा ...
बल्कि इस एजेंट को तो आगा खान पैलेस में रखते थे..!!
भीड़ में टोपी पहन कर गांधीवादी अंग्रेजों को दूर से दिख जाते थे ...
जिनको आराम से रस्से से बांध कर अंग्रेज ले जाते ...
और आरामदायक जेलों में रख देते
गांधी ने देश को ठगा और एक भी आंदोलन अपने चरम पर पहुंचने नहीं दिया
जैसे ही आंदोलन तेज होता ...
गांधी वापस कर लेते थे..!!
इनका उद्देश्य सिर्फ आक्रोश को ठंडा करना होता था ....ताकि अंग्रेज सुरक्षित रहें
ठीक यही खेल वो आठवीं फेल ...ठरकी ...ट्रक ड्राईवर ....सेना के भगोड़े ...
अन्ना हजारे करते थे
हर बार आंदोलन बीच में ही खत्म..!!
इस ढोंगी गांधी को आजादी के बाद जेहादी मियाँ नेहरू ने ..."राष्ट्रपिता".. कह कर प्रचारित करवाया.... जो अपने आश्रम में ब्रह्मचर्य के प्रयोग के नाम पर ...
लड़कियों और अपने बेटों की बेटियों यानि नातिनों तक के साथ नंगा सोता रहा
खान रेसियों का यह ..."बापू"..!!
इनके बेटों को बाप की हर करतूत पता थी
वे सदा इस ढोंगी से दूर रहे
विरोध करते रहे ..!!
गांधी ने अंग्रेजों के लिए सेफ्टी वाल्व पॉलिटिक्स के तहत खान रेस बनाई
ठरकी अन्ना ने उस खान्ग्रेस की सहायता की और खुजली नटवरलाल पैदा कर दिया..!!
ये कितना घातक खेल खेलते हैं....
कितना बड़ा धोखा देते हैं...
भोली भाली ....भारत की जनता को...
सोचिए जरा..... !!!!

No comments:

Post a Comment