जो दलित समृद्ध हो उसका आरक्षण खत्म हो...
बाबा साहेब के परपोते सुरज अंबेडकर.
पुणेः एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर राजनीति के पटल पर घमासान मचा हुआ है. इस बीच संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परपोते सुजात अंबेडकर का मानना है कि राजनीति में आरक्षण की जरूरत नहीं है. हालांकि सुजात इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि एससी-एसटी समुदाय में जो लोग आर्थिक तौर पर समृद्ध हो चुके हैं, उन्हें समुदाय के उन लोगों के लिए आगे आना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए जो अभी भी हाशिए पर हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 26 मार्च को जब मुंबई के आजाद मैदान में हजारों की संख्या में दलित संगठनों से जुड़े लोग दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े (भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोपी) की गिरफ्तारी के लिए इकट्ठा हुए तो वहां एक 23 साल का लड़का अपनी बेबाकी और अपने स्टाइल से सबको आकर्षित कर रहा था. यह युवक कोई और नहीं बल्कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के परपोते सुजात अंबेडकर थे. पुणे स्थित फर्ग्युसन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट और जर्नलिज्म में डिग्री हासिल कर चुके सुजात कहते हैं कि वह अपने पिता प्रकाश अंबेडकर की पार्टी ‘भारिपा बहुजन महासंघ’ के लिए काम करना चाहते हैं.
No comments:
Post a Comment