Saturday 18 October 2014

कश्मीर में फिर लहराए आईएसआईएस (ISIS) के झंडे

पहले बाढ़ और उसके बाद पाकिस्तानी फौज की सीमा पर लगातार हो रही फायरिंग के बाद अब कश्मीर एक बार फिर सुर्खियों में है। ईद की नमाज के बादजामिया मस्जिद के बाहर झंडे थामे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई। पथराव भी किया गया, श्रीनगर में भड़की हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने इराक के खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के झंडे की तरह काले झंडे लहराए।झंडों पर आईएस जेके भी लिखा दिखाई दे रहा था इससे सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के होश उड़े हुए हैं। 

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियां उन लोगों की तलाश में जुटी हैं जिन्होंने आईएसआईएस का झंडा लहराया था। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में इस मुद्दे पर एक हाई-लेवल मीटिंग में चर्चा की गई है।

जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित जामा मस्जिद में शुक्रवार को ईद की नमाज अता करने के बाद भारत विरोधी स्लोगन लिखे झंडे लहराए गए और प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल दो युवाओं ने सुरक्षाबलों के सामने आतंकी संगठन आईएसआईएस का काला झंडा लहराया। दोनों युवकों ने अपने चेहरे पर रूमाल बांध रखा था। जब सुरक्षाबलों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। हल्के बल प्रयोग के बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया।
२७ जून को भी लहराया था झंडा
घाटी में आईएसआईएस का झंडा लहराने का ये पहला मौका नहीं है। इससे पहले २७ जून में श्रीनगर के जादीबल में एक रैली के दौरान आईएसआईएस का झंडा लहराया गया था। सूत्रों के मुताबिक, आईबी के अफसरों की दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक भी हुई है।  घाटी में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठन पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में आईएसआईएस की आमद से सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किल और बढ़ सकती हैं।
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पश्चिम बंगाल : तृणमूल नेता के घर पर बम बनाते वक्त धमाके में इंडियन मुजाहिदीन आतंकियों की मौत..!!

स्थानीय पुलिस मामले को रफा-दफा करने में जुटी ..? आईबी इंस्पेक्टर ने बताया, ‘बर्धमान के एसपी और थाना हमारी मदद नहीं कर रहा है..!! ‘उन्होंने बम नष्ट कर दिए थे, जबकि उन्हें जांच के लिए रखा जाना चाहिए था। अब सबूत न होने की वजह से केस भी नहीं बनाया ज सकता..

पार्टी का स्थानीय ऑफिस भी यहीं से चल रहा था। पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के पहुंचने से पहले ही विस्फोटक सामग्री को नष्ट कर दिया ...!!

पुलिस यह देखकर हैरान रह गई कि घर के दरवाजे पर 2 महिलाएं रिवॉल्वर लिए खड़ी होकर धमकी दे रही थीं कि अगर किसी ने घर में घुसने की कोशिश की तो बिल्डिंग को उड़ा दिया जाएगा..!!

 पश्चिम बंगाल के बर्धमान में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय हुए धमाके के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यह धमाका एलपीजी सिलिंडर फटने से नहीं, बल्कि बम से हुआ था। इस धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1 जख्मी हो गया था। माना जा रहा है कि ये इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी हैं। इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका शक के घेरे में है। पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के पहुंचने से पहले ही विस्फोटक सामग्री को नष्ट कर दिया था।

 तृणमूल कांग्रेस नेता के घर पर धमाका होने की खबर पाकर फायर ब्रिगेड और पुलिस वहां पहुंची। पार्टी का स्थानीय ऑफिस भी यहीं से चल रहा था। पुलिस यह देखकर हैरान रह गई कि घर के दरवाजे पर 2 महिलाएं रिवॉल्वर लिए खड़ी होकर धमकी दे रही थीं कि अगर किसी ने घर में घुसने की कोशिश की तो बिल्डिंग को उड़ा दिया जाएगा।
महिलाओं ने पुलिस को एक घंटे तक रोके रखा..
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन महिलाओं ने पुलिस को एक घंटे तक रोके रखा और इस दौरान वे कुछ डॉक्युमेंट्स जलाती रहीं। इन अधजले कागजातों में अल कायदा के अयमान अल-जवाहिरी और इंडियन मुजाहिदीन के पर्चे मिले हैं। जानकारी मिली है कि इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी विस्फोटक सामग्री बना रहे थे और इसी दौरान धमाका हो गया। इसकी चपेट में आकर 2 की मौत हो गई, जबकि 1 जख्मी हो गया।
 सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल से 55 IED डिवाइस, आरडीएक्स, घड़ियां, नक्शे और सिम कार्ड मिले हैं। इससे पहले की केंद्रीय एजेंसियों जांच के लिए वहां पहुंचतीं, स्थानीय पुलिस मामले को रफा-दफा करने में जुटी थी। पुलिस ने रेत से भरे ट्रकों में विस्फोटक सामग्री लादकर उसे इलाके से दूर ले जाकर नष्ट कर दिया। सीएफएसएल की टीम ने रेत के सैंपल ले लिए हैं। IED पूरी तरह तैयार थे, ऐसे में माना जा रहा है कि वे कुछ ही दिनों में किसी वारदात को अंजाम देने वाले थे।
एसपी का कहना है कि मारे गए लोगों का कोई क्रिमिनट रेकॉर्ड नहीं था और बम क्रूड सॉकिट बम थे। मगर सीआईडी इस्पेक्टर का कहना था कि उन्होंने 55 IED निष्क्रिय किए थे...
 केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने पाया कि आईईडी और आरडीएक्स को स्थानीय पुलिस ने नष्ट कर दिया है। एक आईबी इंस्पेक्टर ने बताया, ‘बर्धमान के एसपी और थाना हमारी मदद नहीं कर रहा है।’ एनआईए के एक अधिकारी ने बताया, ‘उन्होंने बम नष्ट कर दिए थे, जबकि उन्हें जांच के लिए रखा जाना चाहिए था। अब सबूत न होने की वजह से केस भी नहीं बनाया ज सकता।’
बीजेपी और सीपीएम ने इसे ‘तृणमूल का आतंकी गिरोह’ करार देते हुए जांच की मांग की है। इस घटना से तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर है, क्योंकि जहां पर धमाका हुआ, वह उसका ऑफिस है।
इस घटना में शकील अहमद नाम के शख्स की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि शोभम मंडल की अस्पताल में मौत हुई। तृणमूल नेता नूरुल हसन ने बताया कि उन्होंने शकील अहमद को पहला फ्लोर कुछ महीने पहले किराए पर दिया था।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

पश्चिम बंगाल : मालदा  में मिले १५ जिंदा बम

 
 जिले के कालियाचक में झाड़ियों से बड़ी संख्या में प्लास्टिक के क्रिकेट बॉल के आकार के बम बरामद हुए । कालियाचक थाना क्षेत्र के बीननगर दो ग्राम पंचायत के कांदीटोला गांव के कब्रिस्तान से सटी झाड़ियों में से इन बमों को बरामद किया गया। बमों को पुलिस ने सुरक्षित रख लिया। इस बीच, बम मिलने की खबर लगते ही शुक्रवार सुबह नौ बजे सीआइडी के जिला अफसर मलय भद्र के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची। बमों की जांच के बाद इन्हें निष्क्रिय कर दिया गया।
‘कॉकटेल बम’
पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि १५ जिंदा बम मिले हैं, जिन्हें सीआइडी के बम स्कवाड के अफसरों ने निष्क्रिय कर दिया है। इस घटना के पीछे किन लोगों का हाथ है, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि प्लास्टिक के क्रिकेट बॉल के कवर से बमों को तैयार किया गया था। इस तरह का बम पानी में नष्ट नहीं होते हैं। बम पीले रंग के थे। इस तरह के बम को कॉकटेल बम के तौर पर जाना जाता है। इस बम को बनाने के लिए एक तरह का सफेद व लाल पाउडर, इंजेक्शन सीरिंज, बारूद समेत विभिन्न सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है।


तृणमूल नेता के भाई की बीड़ी फैक्‍टरी में बना रहे थेबम

 मालदा जिले में स्‍थ‍ित एक बीड़ी फैक्‍टरी में गुरुवार को एक  बम के विस्‍फोट में तीन लोग घायल हो गए। बम उस वक्‍त फट गया, जब पुलिस की रेड के बाद इसे जल्‍दबाजी में हटाया जा रहा था। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जहां यह बम बनाया जा रहा था, वह फैक्टरी एक तृणमूल नेता के भाई की है। यह जिले में बीते 10 दिन के भीतर हुई विस्‍फोट की तीसरी घटना है।

 पुलिस का कहना है कि ताजा घटना में स्‍थानीय अपराधियों का हाथ है। पुलिस इस घटना का वर्धमान में हुए धमाके से लिंक तलाश रही है।  धमाके के मामले की जांच पश्‍च‍िम बंगाल पुलिस के साथ एनआईए भी कर रही है। इस धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई थी और एक आतंकवादी संगठन के शामिल होने की बात सामने आई थी। इस मामले में दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

 मदरसा से बरामद विस्फोटक, किये  नष्ट

बर्दवान कांड में मदरसा के अंदर से बरामद विस्फोटक, एनआइए के अधिकारियों ने एनएसजी के अधिकारियों की मदद से  को नष्ट कर दिया। एनआइए सूत्रों के मुताबिक मदरसा के अंदर से एनएसजी के कमांडो ने एक खुफिया कमरे से विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया था।

 एनएसजी व एनआइए के अधिकारियों ने  जब्त विस्फोटकों को नष्ट करने का निर्णय लिया। जिसके बाद ३९ में से ३७ विस्फोटकों को एनएसजी के विस्फोटक दस्ते के कमांडो ने  नष्ट कर दिया गया। बाकी बचे दो बम को नेशनल बम डाटा सेंटर में निरस्त कर, उसे रिजर्व रखा गया है।

मदरसे की लड़कियां गायब !

 बर्दवान विस्फोट कांड की जांच के दौरान कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। घटनास्थल से सटे गांव में एक मदरसे का पता चला है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि वहां लड़कियों को जेहाद की ट्रेनिंग दी जाती थी। घटना के बाद से ही ये मदरसा बंद है और यहां पढ़ने वाली लड़कियां गायब हैं। इसके अलावा जांच के दौरान दो ऐसे ठिकानों का पता चला है, जहां से कुछ जले हुए कागजात बरामद हुए हैं।
बर्दवान जिले के सीमुलिया गांव का ये मदरसा जांच एजेंसियों के साथ-साथ यहां के बाशिंदों के लिए भी हैरानी का सबब बन गया है। 2 अक्टूबर के बाद से इस मदरसे में ताला लगा है। यहां पढ़ने वाली 40 छात्राओं और पढ़ाने वाले टीचरों का कुछ पता नहीं चल रहा।2 अक्टूबर को ही पड़ोस के खड़दह गांव में टीएमसी नेता के मकान में बम बनाते वक्त विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोट में मारे गए आतंकी शकील अहमद की बीवी रजिया ने जांच एजेंसी को बताया कि इस मदरसे में 9 से 16 साल की लड़कियां पढ़ती थीं। बताया जा रहा है कि यहां उन्हें जेहाद की ट्रेनिंग दी जाती थी। बम विस्फोट के बाद से यहां कोई नजर नहीं आया। गांववालों को भी यहां पढ़ने-पढ़ाने वालों के बारे में नहीं पता।
मदरसे में पढ़ने वाली लड़कियां आखिर कहां की थीं, और कहां गईं?
अब ये बड़ा सवाल है कि मदरसे में पढ़ने वाली लड़कियां आखिर कहां की थीं, और कहां गईं। इसके अलावा पुलिस को संदिग्ध आतंकियों के तीन और ठिकानों का पता चला है। ये ठिकाने हैं बाबुरबाग, बादशाही रोड और माठपाड़ा। बाबुरबाग के ठिकाने से कुछ जले हुए कागजात बरामद हुए हैं। इसके अलावा 9 एमएम पिस्टल, ड्राइविंग लाइसेंस और डायरी भी मिली है। ये ठिकाना कौसर का था, जिसे पुलिस तलाश रही है। बताया जा रहा है कि यहां आने वाले ज्यादातर लोग हेलमेट लगाकर आते थे।
अब तक की छानबीन में पुलिस के हाथ जो सुबूत लगे हैं उससे पुलिस को इस मामले के तह तक जाने में काफी मदद मिलेगी। फिलहाल पुलिस उन लोगों को तलाश रही है जो यहां अपनी पहचान छिपा कर आते थे।
स्त्रोत : आइबीएन लाइव्ह

आतंकी धमाके पर पर्दा डाल रही पश्चिम बंगाल पुलिस

mamtaकोलकाता (बंगाल) - पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान जिला स्थित खागरागढ़ के एक मकान में दो अक्टूबर को हुए विस्फोट के तार अलकायदा से जुड़ने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को धमाके में शामिल लोगों के संबंध अलकायदा, सिमी व इंडियन मुजाहिद्दीन से होने की जानकारी मिली है।
एजेंसियों का कहना है कि बंगाल पुलिस आतंक के इस गंभीर मसले पर भी परदा डालने में लगी है। पुलिस ने धमाके के बाद मकान से बरामद ग्रेनेड आदि नष्ट कर दिए थे, जबकि इसे जांच के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं मामले की सूचना भी केंद्रीय एजेंसियों को एक दिन बाद दी गई। गौरतलब है कि बम बनाते समय हुए धमाके में दो संदिग्ध मारे गए, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने बम बनाने का प्रशिक्षण मिलने की बात कही है।


कमरे से मिले जवाहिरी के पर्चे

खागरागढ़ के जिस मकान में धमाके हुए वहां से अलकायदा प्रमुख अयमान-अल-जवाहिरी व इंडियन मुजाहिदीन के अधजले पर्चे मिले हैं। इसमें अलकायदा के टेप व किताबें भी थीं। केंद्रीय एजेंसियां भी घटना में इंडियन मुजाहिदीन, सिमी, लशकर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-अल- इस्लामी की साजिश मान रही हैं। ब‌र्द्धमान सहायक पुलिस अधीक्षक तरूण हलदर ने बताया कि संदिग्ध आतंकियों ने कुछ माह पहले ही किराये पर मकान लिया था। गिरफ्तार महिलाओं का संबंध सिमी व अलकायदा से हो सकता है।

पुलिस ने तत्काल नष्ट कर दिए सुबूत

धमाके की तफ्तीश कर रही आइबी व राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बंगाल पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहले धमाके को एलपीजी सिलेंडर फटने की घटना बताई गई, जबकि जांच में बम धमाके की बात सामने आई। पुलिस को घटनास्थल से 55 आइईडी डिवाइस, ग्रेनेड, विस्फोटक, घड़ियां, नक्शे, सिम कार्ड आदि मिले थे। पुलिस ने जांच एजेंसियों के आने से पहले ही ग्रेनेड व विस्फोटक सामग्री दामोदर नदी के किनारे नष्ट कर दिया। जांच में पता चला कि सभी आइईडी पूरी तरह तैयार थे और जल्द इनका इस्तेमाल होने वाला था। जांच एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस पर सहयोग न देने का भी आरोप लगाया है।

धमाके में मारा गया एक संदिग्ध बांग्लादेशी

जांच में पता चला है कि धमाके में मारे गए दो संदिग्धों में एक शकील अहमद बांग्लादेश का रहने वाला था। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के करीमपुर निवासी राजिरा बीबी उर्फ रूमी से शादी के बाद वह ससुराल आकर रहने लगा था। राजिरा ने पूछताछ में इसका खुलासा किया। सिमी नेता सफदर नगोरी का नाम भी सामने आ रहा है। नगोरी पांच वर्षों तक पश्चिम बंगाल में सक्रिय रहा है। धमाके में घायल हसन साहेब का इलाज चल रहा है। वह बीरभूम जिले के मोहम्मद बाजार इलाके का रहने वाला है। उसकी पत्नी मुर्शिदाबाद जिले के लालबाग की अमीना बीबी व राजिरा बीबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना में एक और संदिग्ध सोवन मंडल की भी मौत हो गई थी, जो पश्चिम मेदिनीपुर जिले का निवासी था।

मकान मालिक से पूछताछ

संदिग्धों ने कुछ माह पहले ही किराये पर मकान लिया था। धमाके के बाद मकान मालिक हाजी हसन चौधरी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हसन सिंचाई विभाग का सेवानिवृत्ता इंजीनियर है। उसने शकील गाजी को 4200 रुपये में मकान किराये पर दिया था। इसके अलावा हसन मोल्ला नामक एक और व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। स्थानीय निवासी शेख अनवर ने कहा कि ये लोग कपड़े का व्यवसाय करते थे। इनके घर में बुरका पहनकर हमेशा लोग आते-जाते थे, लेकिन किसी को भनक नहीं लगी।

दोनों महिलाओं को नौ दिन की रिमांड

गिरफ्तार अमीना बीबी व राजिरा बीबी को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया, जहां से नौ दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। सीआइडी सोमवार को डीजीपी को मामले की रिपोर्ट देगी, जिसे केंद्रीय गृह विभाग को सौंपा जाएगा। इसके बाद मामले की जांच एनआइए को सौंपी जा सकती है।
‘राष्ट्र विरोधी व जेहादी गतिविधियों के लिए पश्चिम बंगाल सुरक्षित ठिकाना बन गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस ने सुबूत नष्ट कर दिए है।’
-सिद्धार्थ नाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व बंगाल प्रभारी
स्त्रोत : दैनिक जागरण

६ अक्टूबर २०१४, आश्विन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६

बर्धमान ब्लास्ट पर पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट

कोलकाता – बर्धमान ब्लास्ट के बाद सतर्कता बरतते हुए ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट का ऐलान किया है। साथ ही राज्य से लगने वाली बांग्लादेश, भूटान और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा और झारखंड, बिहार, उड़ीसा, सिक्किम और असम की सीमाओं को सील कर दिया गया है।
इस ब्लास्ट के तार बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमायत-उल-मुजाहिदीन से जुड़े होने की पुष्टि हुई है। यहां खगरागढ़ स्थित जिस घर में ब्लास्ट हुआ, उसे इस संगठन ने अपना ठिकाना बनाया था। यह टीएमसी नेता का घर था और इसी इमारत में पार्टी का स्थानीय ऑफिस भी था।
पुलिस की हिरासत में बंद संदिग्ध आतंकी शकील की पत्नी राजीरा बीबी ने भी पुलिस के सामने इस बात को स्वीकार किया है। टास्क फोर्स इस बात की जांच कर रही है कि कोलकाता या आसपास के इलाके में कहीं ब्लास्ट कराने की साजिश तो नहीं थी। जांच टीम ने कौशर नाम के शख्स का स्कैच जारी किया है। आरोप है कि वह बांग्लादेश से विस्फोटक पदार्थों के करियर का काम करता था।
दूसरी तरफ, मौके से मिले एक बम के टाइमर में एक साल बाद विस्फोट होने का समय डाला गया है। आशंका जताई गई है कि बम में टाइमर फिट करने के दौरान गलती होने से 2 अक्टूबर को विस्फोट हुआ होगा। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपी हाफिज मुल्ला उर्फ हसन को गिरफ्तार कर लिया है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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