Saturday 4 November 2017

mediya

देख लो  लडकियों ..लव_जेहाद का अंत..
जमशेदपुर की लडकियों जीस तरह तुम शाहरुख खान और सलमान खान की फिल्मों को देखकर कुल डुड्स मुल्ले  ढुंढती हो  इसका अंजाम देख लो...ये बेचारी भी ओडिया परिवार की इकलौती बेटी थी,😥😥डौक्टर थी और इसका प्रेमी मुल्ला भी कोलकाता का बडा डौक्टर... लडकी के धर्म परिवर्तन ना करने पर मुल्ले द्वारा इसका अंत जमशेदपुर के जिंजर होटल मे चेन से गला दबाकर कर दिया गया... लाश को सुट केस मे डालकर फेक दिया गया ...
अभिरुणी झा ने अमित शर्मा की पोस्ट साझा की.
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

गांधी को गोड़से जी ने मारा ये तो पढ़ाया जाता है।

लेकिन गुरु गोविंद सिंह जी को किसने मारा...?
क्यूँ नहीं पढ़ाया जाता ..?
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


लक्ष्यदीप में हिन्दू आबादी मात्र 2% है और
 अल्पसंख्यक आरक्षण का लाभ 98% मुस्लिम आबादी लेती है,
 हैं न कमाल का 'सेकुलरिज्म' ?

..........................................................
मैं पदमावती फिल्म पर बैन का समर्थन करती हूं....
कारण उसमें इतिहास को तोडा मरोडा गया है...यह एक कड़वी सचाई है
इसके बाद संजय लीला भंसाली अगली फिल्म एक और हिन्दू महिला के चरित्र को बदनाम करने के लिए बना रहे हैं...अमृता प्रीतम पर...जो अपने पति को छोड़ेगी और एक मुस्लिम गुंडे साहिर लुधियानवी से प्रेम करेगी...हालांकि बाद में उसने दूसरे मुस्लिम इमरोज के संग जिंदगी गुजारी....अभिषेक बच्च्न इसमें साहिर लुधियानवी की भूमिका निभाएंगे और दीपीका पादुकोण अमृता की...अब जो आदमी ऐसी फिल्म भी बना रहा है जिसमें हिन्दू महिला को बदनाम किया जाएगा, तो वह आदमी माता सीता की तरह पाक दामन पदमिनी के चरित्र से कैसे न्याय कर सकता है....मेरी दृष्टि में महिला हिन्दू या मुस्लिम नहीं, वरन महिला महिला है, उसके चरित्र से खिलवाड नहीं की जा सकती....
इसलिए पदमावत पर बैन के लिए हिन्दू समाज को आगे आने चाहिए....वरना आने वाली पीढिया तुम्हें माफ नहीं करेगी....
Farhana Taj
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

में तो नही भुला....
रानी पद्मावती जहर खाकर या कटार से भी आत्महत्या कर सकती थी किंतु उन्होंने १६ हजार हिन्दू स्त्रियों के साथ जौहर किया था ताकि मुल्ला खिलजी उनके मृत शरीर को भी हाथ न लगा सके। अब यदि भांड भंसाली खिलजी को रानी पद्मावती के शरीर पर हाथ फेरते दिखाएगा तो जो हिन्दू सोए है वो सोते रहे,ओर जो स्वाभिमानी है वो जानते है कि रानी पद्मावती स्वर्ग से अपनी सन्तति को देख रही है कि धर्म के लिए दी गयी उनकी आहुति कहि व्यर्थ तो नही जाएगी ? रानी पद्मावती आज नही है किंतु हम सब हिन्दू है तो उनके महात्याग ओर बलिदान के कारण है।
भंसाली की फ़िल्म चलने नही देना है।
ओर अगर हम अपना स्वाभिमान गिरा कर उस फिल्म को देखने जाते है तो उन विधर्मियों ओर हम में कोई अंतर नही होगा।
Devendra Vidyut


भारत की 23 पार्टिया और दुनिया के 56 देश
मोदी के हारने का इन्तेजार कर रहे हैं...
Hardik Savani

No comments:

Post a Comment