Friday, 5 February 2016

अगर आप कोशिश करते हैं, तो गलती होगी. अगर गलती नहीं होगी, तो जीवन भर कोई काम नहीं होगा
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http://www.dailyo.in/…/netaji-files-subha…/story/1/8840.html
बोस की आजाद हिंद फौज (INA) के खजाने को लूटा गया था। लंबे वक्त से चल रही इस बहस को उन दस्‍तावेजों से एक बार फिर हवा मिल गई है, कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सावर्जनिक की हैं। 1951 से 1955 के बीच टोक्‍यो और नई दिल्‍ली के बीच हुए पत्राचार से पता चलता है नेहरू ने 1953 में खजाना लूटने के आरोपी एएस अय्यर को पब्लिसिटी एडवाइजर बनाया था। 

 फाइल नंबर- 25/4/NGO-Vol 3 में नेताजी के खजाने का जिक्र है। दस्‍तावेजों के मुताबिक, खजाने से करीब 7 लाख डॉलर की लूट हुई थी। खजाने संबंधी घोटाले का मुद्दा सबसे पहले अनुज धर ने अपनी किताब- India’s biggest cover-up में उठाया था। फाइलों के मुताबिक, टोक्यो मिशन के हेड केके चतुर ने 21 मई, 1951 को कॉमनवेल्थ रिलेशन सेक्रेटरी बीएन चक्रवर्ती को इस खजाने के बारे में लिखा था। उन्‍होंने बोस के दो साथियों प्रोपेगैंडा मिनिस्टर एसए अय्यर और इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के टोक्यो हेड मुंगा राममूर्ति पर शक जताया था। लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। 1952 में नेहरू ने यह एलान भी कर दिया कि ताइवान में विमान हादसे में नेताजी की मौत हो चुकी है। सार्वजनिक किए गए नेताजी से जुड़े दस्‍तावेज यह भी बताते हैं कि नेहरू सरकार ने 1947 से 1968 तक नेताजी के परिवार की जासूसी भी करवाई। इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के टोक्यो हेड राममूर्ति पर इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के फंड और नेताजी की पर्सनल प्रॉपर्टी के मिसयूज का भी आरोप लगा था। इनमें हीरा, सोना, चांदी सहित कई वैल्यूएबल चीजें थी। इन मामलों में अय्यर का नाम भी आया था। Read Also: Netaji files: अंतिम सफर में 80 किलो सोना - See more at:http://www.jansatta.com/…/netaji-files-nehru-awarded-man-wh…

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