Monday, 15 February 2016

विचारधारा और गरीबों की भलाई(??) के नाम पर समूचे विश्व में दस करोड़ से अधिक हत्याएँ करवाने वाले... "सत्ता बंदूक की नली से निकलती है" का घोषवाक्य मानने वाले... भारत के बंगाल और केरल में अपने सैकड़ों विरोधियों का नृशंस रूप से खून बहाने वाले तथा इंदिरा गाँधी के आपातकाल का समर्थन करने वाले लोग, जब जेहादी-नक्सल विवि (JNU) मामले में "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता", "लोकतंत्र का गला घोट दिया" जैसी बातें करते हैं...
तब या तो लोग खिलखिलाकर वामपंथ की खिल्ली उड़ाने लग जाते हैं. या फिर जूता निकालकर मारने दौड़ते हैं. मैंने यहाँ वामपंथ की हिंसा और दोगलेपन वाले पक्ष को ही उजागर किया है. वासना के इन भूखे वामपंथी भेड़ियों का दूसरा पक्ष अर्थात JNU के प्रोफेसरों अरशद आलम, खुर्शीद अनवर अथवा गंगासहाय मीणा जैसे लोगों के बारे में जानना हो, तो इंटरनेट पर भरपूर जानकारी मौजूद है...
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मानेसर से धौलाकुआं तक मेट्रिनो के ले मजे
 अब लोगों को जल्‍द ही एकदम नए ट्रांसपोर्ट सिस्‍टम ‘मेट्रिनो’ में सफर करने का मौका मिलेगा। मेट्रिनो खंभों पर चलने वाली ड्राइवरलेस परिवहन सेवा होगी। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार जल्‍द ही दिल्‍ली में मेट्रिनो प्रोजेक्‍ट को मंजूरी देगी। इसके तहत हरियाणा के मानेसर को दिल्‍ली के धौलाकुआं को जोड़ा जाएगा। 70 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्‍ट पर सरकार 4000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
दिल्‍ली में पीएचडी चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स इंडस्‍ट्री के एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने मानेसर और धौलाकुआं को जोड़ने वाले मेट्रिनो प्रोजेक्‍ट के संबंध में बताया कि इसके लिए डिटेल प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट (डीपीआर) और दूसरी जरूरी जमीनी और कागजी तैयारियां पूरी कर ली गई गई हैं। हालांकि निवेश संबंधी कुछ कामकाज बाकी हैं। मंत्रालय जल्‍द ही इन्‍हें पूरा कर सरकार के पास पेश करेगा। जिस पर अगले कुछ सप्‍ताह के भीतर मंजूरी मिलने की संभावना है।
क्‍या है मेट्रिनो
मेट्रिनो जमीन से ऊपर खंभो पर चलने वाली परिवहन व्‍यवस्‍था है। इसमें आवागमन के लिए छोटे एयरकंडीशंड केबिन (पॉड) खंभो और ओवरहेड केबल की मदद से जमीन के ऊपर चलते हैं। यह पूरी तरह से ड्राइवरलेस सिस्‍टम है। इनके स्‍टेशन जमीन के नीचे होते हैं। स्‍टेशन आने पर पॉड अपने आप नीचे आ जाते हैं।
मेट्रो से 5 गुनी सस्‍ती मेट्रिनो परियोजना
इस प्रोजेक्‍ट के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि मेट्रिनो प्रोजेक्‍ट अभी तक दिल्‍ली में चल रहे मेट्रो के निर्माण कार्य के मुकाबले 5 गुना सस्‍ता होगा। गडकरी ने बताया कि इस प्रोजेक्‍ट पर 50 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। जबकि मेट्रो रेल प्रोजेक्‍ट की बात की जाए तो इसकी लागत 250 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर है।
दूसरे राज्‍यों में भी चलेंगी मेट्रिनो
गडकरी ने फिलहाल मेट्रो मेल प्रोजेक्‍ट की समय सीमा का खुलासा नहीं किया है। लेकिन गडकरी ने यह जरूर कहा कि मानेसर धौलाकुआं प्रोजेक्‍ट मंत्रालय के एक पायलट प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा है। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो जल्‍द ही इसी प्रकार के मेट्रो मेल प्रोजेक्‍ट देश के दूसरे क्षेत्रों में शहरों को उनके उपनगरों से जोड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।

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