मदरसों के रास्ते ISIS का पैसा भारत में लाया जा रहा था !
खुफिया एजेंसी के हाथ बड़ी कामयाबी मिली है, संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर ISIS के रकम आने जाने के रास्ते के बारे में जानकारी मिली है.
New Delhi, Feb 08 : आतंकियों ने समाज में अपनी पैठ बनाने के लिए वो रास्ते अख्तियार किए है जहां से घुसना न सिर्फ आसान है, बल्कि सुरक्षित भी.लेकिन कई बार आतंकी करतूतों के लिए बनाए गए रास्तों में किसी अपने का हाथ लगा होता है. और राहें आसान बन जाती है. हरदोई में गिरफ्तार हुए एक आंतकी से पूछताछ के दौरान जो जानकारी मिली उसकों सुनने के बाद तो सुरक्षा अधिकारियों के होश उड़ गए. जो बता रहा है कि ISIS कैसे भारतीय जड़ों में घुसने की फिराक में है.
बड़े ही शातिर तरीके से आंतकी भारत में अपना पैसा इंटर करवा रहे थे और अपने साथियों के सहारे उससे किसी बड़ी साजिश की फिराक में थे. हरदोई से गिरफ्तार संदिग्ध ने इस बारे में सारी जानकारी दी है. आईएस संदिग्ध अब्दुल शमी कासमी का नाम का शख्स जोकि शमीउल्लाह के नाम से भी जाना जाता था, उसने बताया कि मदरसो और ट्रस्ट के जरिए ISIS की रकम भारत में आ रही थी, जानकारी मिलने के बाद एनआईए की पूरी टीम इस पड़ताल में जुट गई कि संदिग्ध द्वारा मिली जानकारी कितनी सही है और कितनी गलत. पड़ताल में एनआईए को जानकारी मिली कि उसके अकाउंट से कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए गए. अब दूसरी एजेंसिया यूपी में शमीउल्लाह के ISIS और दूसरे कनेक्शन के बारे में जांच पड़ताल कर रही है
बेरोजगारों को आतंकी संगठन से जोड़ रहा था
शमीउल्लाह से जानकारी खुफिया एजेंसियों को मिल रही है उसकों देखकर एजेंसियों के होश उड़ते दिखाई दे रहे है. शमीउल्लाह तीन-तीन वेबसाइटों के जरिए बेरोजगार युवकों को जिहाद के नाम पर आतंकियों के संगठन से जोड़ने का काम कर रहा था. अह एनआईए की एक टीम और यूपी की एटीएस मिलकर इन वेबसाइट्स के लिंक के जरिए आंतकियों के सरगना तक पहुंचने का रास्ता ढूंढ रही है. शमीउल्लाह ने कई सारे वीडियों ISIS और जिहाद के नाम भड़काने के लिए भी अपलो़ड किए थे.
शमीउल्लाह को संंदिग्ध मानकर पकड़ने के बाद खुफिया एजेंसी के लोग शमी के गांव में बैंक अधिकारी बन कर पहुंचे. जहां से उसकी संपत्ति के बारे में जानकारियां मिली. गांव वालों से ही बातों बातों में जानकारी जुटाई गई कि शमी गांव में बहुत कम आया करता था. जानकारी ये भी मिली की साल 2007 में विधानसभा चुनावों के दौरान शमीउल्लाह ने अपनी किस्मत भी आजमाई थी.
शमीउल्लाह से ये भी जानकारी मिली है कि उसका काम मुख्यता दक्षिण भारत के हिस्से में लोगों को नेटवर्क से जोड़ने का था. ISIS के लिए शमीउल्लाह ने इलाके में कई बार रैलियां भी की. और लोगों से मुलाकात भी की थी. अब खुफिया एजेंसी इस जानकारी को जुटाने में लगी है कि शमीउल्लाह की मुलाकात जिनसे हुई थी, आखिर उनका डाटा शमीउल्लाह ने कही सेव करके रखा है या फिर किसी के साथ शेयर किया था. अगर ये जानकारी मिल जाती है तो ISIS के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर एक बड़ी बढ़त होगी.
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