देश के 'बुद्धिजीवियों' की बुद्धि इसी से परख लीजिये की वो गृहमंत्री के दावे पे सवाल करते हैं और
हाफ़िज़ सईद के दावों का प्रचार करते हैं...
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आतंकवादी समर्थक रोहित वेमुल्ला की आत्महत्या पर देश के सभी ढोंगी सेकुलर घड़ियाली आंसूं बहा रहे थे, प्रधानमंत्री भी इस नौटंकी में पीछे नहीं रहे, देशभर का बिकाऊ मिडिया छाती कूटने लगा था, लेकिन मात्र 27 वर्ष के संघ के सेवक सुजीत की हत्या पर सभी दोगले मौन क्यों हैं??
हमारे देश में गन्दी राजनीति का ये आलम है की यहाँ लाशों का भी धर्म और जाती होती है, चुल्लूभर पानी में डूब मरो गद्दारो
हमारे देश में गन्दी राजनीति का ये आलम है की यहाँ लाशों का भी धर्म और जाती होती है, चुल्लूभर पानी में डूब मरो गद्दारो
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कभी आपने देखा कि किसी भी tv चैनल ने दिग्विजय सिंह से इस बारे में सवाल किया है जब इसने एफटीएफ के जवान को कॉलर पकड़ कर दो थप्पड़ मार दिया था और आज एक पाकिस्तान की जय हो भारत के टुकडे हजार होंगे जैसे नारे लगाने वाले को ओ पी शर्मा ने थप्पड़ क्या मार दिया ये दोगले पत्रकार ऐसे बिलबिला रहे है जैसे इनके जीजा जी को किसी ने पीट दिया हो
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